मसूरी: विंटर लाईन कार्निवाल में उत्तराखंड के पहाड़ी क्षेत्रों में वीर भड माधो सिह भंडारी के नाम से प्रसिद्ध मंगसीर की बग्वाल का मंचन किया गया। उत्तरकाशी से आये कलाकारों ने बग्वाल की कई विधाओं की प्रस्तुति से खासा समा बांधे रखा। हाथ में छिलकों के होल्डे लेकर कलाकारों ने बग्वाल पर्व पर खेले जाने वाली कला का प्रर्दशन कर लोगों का भरपूर मनोरंजन किया। वहीं रासो व नृत्य कर देर रात्री तक दर्शकों को बाॅधे रखा।
मसूरी विंटर लाईन कार्निवाल की पाॅचवें दिन की सांय उत्तरकाशी से आये कलाकारों के नाम रही। उन्होने मंगसीर की बग्वाल का सुन्दर मंचन कर शहर में आये पर्यटकों को पहाड के पौराणिक त्यौहार की झलकिया दिखाकर जमकर तालियां बटोरी। वहीं बताया कि पहाड में दीपावली केे एक महीने बाद मंगसीर की बग्वाल का अपना अलग महत्व है, जो वीर भड माधेा सिहं भंडारी के नाम से मनाई जाती है।
पौराणिक कथा के अनुसार, वर्ष 1927 में पहाड का एक मात्र सेनानी माधेा सिंह भंडारी चीन की सेना के आक्रमण को खदेडने में डटे हुये थे और वह दिपावली में घर नही आ सके थे। लेकिन जब वह विजयाी होकर दीपावली के एक माह बाद घर पंहुचे तो उनकी सकुशल वापसी पर पहाड में फिर से दीपावली मनाई गई।