देहरादूनः उत्तराखंड की त्रिवेंद्र सरकार ने लगातार हो रहे राजस्व की हानि को देखते हुए एक ऐसा फैसला लिया है, जो होटल कारोबारियों के साथ-साथ सरकार के लिए भी मुनाफे का सौदा साबित होगा।
सूबे की सरकार ने हाईवे पर शराब की बिक्री पर रोक तो नहीं हटाई लेकिन हाइवे से सटे रेस्तरां में शराब परोसने के लिए हरी झंडी जरूर दिखा दी है। जिससे अब हाईवे से लगे होटल और रेस्तरां में अब आपको फिर से शराब परोसी जा सकेगी।
हैलो उत्तराखंड न्यूज से बात करते हुए आबकारी मंत्री प्रकाश पंत ने बताया कि कैबिनेट बैठक में सरकार ने यूपी एक्साइज एक्ट 1910 में संशोधन कर होटलों और शराब की दुकानों को अब सप्लाई और सर्विस कैटेगरी में शामिल करने का निर्णय लिया है। इस निर्णय के बाद उत्तराखंड में शराब बिक्री के लिए मिलने वाले लाइसेंस को अब सप्लाई एंड सर्विस कैटेगरी में दिया जाएगा, जिसके चलते अब हाई-वे के पास भी शराब की दुकानें खोली जा सकेंगी। बता दें कि यह फैसला सरकार ने एक कैबिनेट बैठक में हुए फैसले के बाद और राज्य के राजस्व में हो रही कमी को देखते हुए लिया है।
वहीं इस बाबत कांग्रेस की इस फैसले पर कड़ी प्रतिक्रिया सामने आ रही है। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह का कहना है कि जब से त्रिवेंद्र सरकार ने आबकारी नीति बनाई है वो केवल रूल्स को तोड़ती है। उनका कहना है कि आबकारी मंत्री प्रकाश पंत बार-बार यह बयान देने से नहीं कतराते हैं कि उन्होंने प्रदेश में शराब को कम करने का काम किया है। लेकिन विकल्प में उन्होंने दूसरी ओर मोबाइल वैन के माध्यम से घर-घरों तक शराब को पहुंचाने का भी काम किया है।
साथ ही उन्होंने त्रिवेंद्र सरकार को लपेटे में लेते हुए कहा कि सरकार ने 5 राज्यों में राजस्व कमाने के लिए देशी शराब को बेचने का काम किया है। वहीं उन्होंने यह भी कहा कि निश्चित तौर पर शराब कारोबारियों का दबाव भी सरकार पर है।
बहरहाल सरकार के इस फैसले के पीछे का मकसद केवल एक ही है राजस्व बढ़ाने का, लेकिन सरकार को राजस्व के साथ-साथ अपनी नीतियों को भी बरकरार रखने की आवश्यकता है तभी आबकारी नीति भी सफल हो पायेगी।