देहरादून: भाजपा ने देश की विभिन्न सीटों पर होने वाले राज्यसभा चुनाव को लेकर उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश, गुजरात, हिमाचल, बिहार और राजस्थान के लिए तो उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है, लेकिन उत्तराखंड को लेकर अभी पत्ते नहीं खोले हैं। इससे राज्यसभा जाने के सपेन संजोए नेताओं की धड़कनें भी बढ़ने लगी है। माना जा रहा है कि भाजपा ने जिस तरह दूसरे प्रदेशों से अपने बड़े नेताओं को मैदान में उतारा है। उससे अनुमान लगाया जा रहा है कि भाजपा उत्तराखंड से भी अपने किसी बड़े नेता को मैदान में उतार सकती है।
उत्तराखंड में खाली हो रही एक राज्यसभा सीट को लेकर भाजपा की जीत तो तय मानी जा रही है, लेकिन अब तक उम्मीदवार के नाम का ही एलान नहीं किया। प्रदेश में राज्यसभा उम्मीदवार को लेकर कई तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं। चर्चाओं का बाजार भी गर्म है। इस बीच भाजपा ने जिस तरह से उत्तर प्रदेश से अरुण जेटली, मध्यप्रदेश की दो सीटों से एक पर थावर चंद्र गहलोत और एक पर धमेंद्र प्रधान का नाम तय किया है। गुजरात की दो सीटों पर मनसुख लाल मंडाविया और पुरुषोत्म रुपाला को उम्मीदवार बनाया है। हिमाचल में जगत प्रकाश नड्डा, बिहार में रविशंकर प्रसाद और राजस्थान से भुपेंद्र यादव को उम्मीदवार घोषित किया है। उसी तरह उत्तराखंड से भी किसी बड़े नेता को मैदान में उतारे जाने की संभावनाएं बढ़ गई हैं।
लिस्ट को देखें तो भाजपा ने राज्यसभा में अपने पक्ष को मजबूत करने पर फोकस किया है। राजनीतिक जानकार इसे 2019 के लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखकर भी देख रहे हैं। जानकारों की मानें तो भाजपा 2019 को लेकर कुछ डरी हुई है। उसको सत्ता के जाने भी डर भी सता रहा है। इस लिहाज से भाजपा राज्यसभा में अपने सदस्यों की संख्या तो बढ़ा ही रहा है। जिनको चयन किया गया है। वह सभी नेता भाजपा के लिए रणनीतितौर पर मजबूत माने जाते हैं। इसे राज्यसभा में कांग्रेस समेत दूसरे विपक्षी दलों को कमजोर करने के नजरिए से भी देखा जा रहा है।
…..प्रदीप रावत