नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी ने पश्चिम बंगाल में रथयात्रा के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। बीजेपी की बंगाल ईकाई ने कोर्ट में याचिका दाखिल की है। पश्चिम बंगाल में बीजेपी के महत्वाकांक्षी रोड शो को शुक्रवार को उस वक्त झटका लगा, जब कोलकाता उच्च न्यायालय की खंड पीठ ने रोड शो को अनुमति देने वाले एकल पीठ के फैसले को रद्द कर दिया।
दरअसल बीजेपी ने दिसंबर महीने की शुरुआत में राज्य में 3 अलग-अलग हिस्सों में रथयात्रा निकालने की योजना बनाई थी। इनमें से एक यात्रा कूचबिहार के एक मंदिर से शुरू होनी थी, दूसरी यात्रा दक्षिण 24 परगना जिले के सागर से शुरू होना थी, जबकि तीसरी यात्रा बीरभूम जिले में स्थित तारापीठ से शुरू होना थी। पहली रथयात्रा 7 दिसंबर से तो दूसरी 9 दिसंबर और तीसरी 14 दिसंबर से निकाली जानी थी।
बीजेपी की तीनों रथयात्राओं को राज्य की सभी 42 लोकसभा सीटों और 294 विधानसभा क्षेत्रों से होकर कोलकाता में खत्म होना था। जहां एक विशाल जनसभा के आयोजन का कार्यक्रम प्रस्तावित था। लेकिन इस प्रस्तावित रथयात्रा पर पश्चिम बंगाल सरकार ने कानून व्यवस्था बिगड़ने और तनाव फैलने का हवाला देते हुए रोक लगा दी थी। सरकार के इस आदेश के खिलाफ बीजेपी कलकत्ता हाईकोर्ट चली गई थी। जिसमें अदालत की सिंगल जज बेंच ने ममता बनर्जी सरकार के फैसले को अमान्य करार देते हुए पार्टी की प्रस्तावित रथयात्रा को हरी झंडी दे दी थी।
कोर्ट के इस निर्णय के खिलाफ ममता सरकार बिना देर किए दोबारा हाईकोर्ट पहुंची। इस पर शुक्रवार को कोर्ट ने सुनवाई करते हुए सिंगल बेंच के फैसले पर स्टे ऑर्डर लगा दिया था।