देहरादून: पश्चिम बंगाल में महिला डॉक्टर से हिंसा के विरोध में जिले के डॉक्टर आज से 24 घंटे की हड़ताल पर हैं। इस दौरान जनपद के लगभग 600 छोटे बड़े निजी नर्सिंग होम सोमवार को सुबह छह बजे से मंगलवार सुबह छह बजे तक बंद रहेंगे। आईएमए (इंडियन मेडिकल एसोसिएशन) के आह्वान की जाने वाली इस हड़ताल में सरकारी डॉक्टर भी आंशिक रूप से साथ रहेंगे। सरकारी डॉक्टर सुबह आठ बजे से 10 बजे तक ओपीडी का बहिष्कार करेंगे।
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन काफी लंबे समय से डॉक्टरों की सुरक्षा के संबंध में एक कानून की मांग कर रहा है। पिछले दिनों पश्चिम बंगाल में महिला डॉक्टर से हुई हिंसा के बाद एसोसिएशन से जुड़े डॉक्टरों ने देशभर में प्रदर्शन शुरू कर दिया। इसी क्रम में तीन दिन पहले देहरादून में भी डॉक्टरों ने काली पट्टी बांधकर काम किया था। इसके बाद अगली रणनीति के तहत सोमवार को बड़ा आंदोलन किया जाना है।
आईएमए देहरादून शाखा के मुताबिक, जिले में करीब 2000 डॉक्टरों ने 24 घंटे के लिए हड़ताल पर जाने का फैसला किया है। इसके साथ ही सोमवार को विभिन्न जगहों पर प्रदर्शन भी किए जाएंगे। उनकी मांग है कि, देश में डॉक्टरों के लिए एक कानून होना चाहिए, जो डॉक्टरों की सुरक्षा सुनिश्चित करा सके। वर्तमान में बहुत से कानून हैं, लेकिन उनमें डॉक्टरों के लिए विशेषकर कोई कानून नहीं बना हुआ है। इसके अलावा यदि हंगामा, तोड़फोड़ और अभद्रता आदि डॉक्टरों के साथ होती है तो उसमें वे खुद ही पीछे हट जाते हैं कि हंगामा करने वाले कहीं न कहीं बीमार के साथी हैं। जबकि, अब यह बहुत ज्यादा हो रहा है। देशभर में डॉक्टरों के साथ घटनाएं बढ़ रहीं हैं।
हालाँकि हड़ताल के दौरान किसी भी अस्पताल में किसी इमरजेंसी के मरीज को इलाज से इंकार नहीं किया जाएगा। इमरजेंसी में मसलन, दुर्घटना, गंभीर बीमार आदि मरीजों को तत्काल रूप से भर्ती कर इलाज शुरू किया जाएगा। ताकि, लोगों को परेशानियों का सामना न करना पड़े। नर्सिंग होम में 24 घंटे तक केवल ओपीडी ही बंद रहेगी।
डॉक्टरों की हड़ताल के बीच लोगों के लिए कुछ राहत की खबर है। शहर के कुछ बड़े अस्पतालों ने आईएमए की इस हड़ताल में शामिल न होने का निर्णय लिया है। इनमें शहर के ज्यादातर मल्टिस्पेशियलिटी अस्पताल, जिनमें ट्रस्ट और कुछ ब्रांडेड अस्पताल भी शामिल हैं। इनमें श्री महंत इंदिरेश अस्पताल, मैक्स अस्पताल शामिल हैं।