-अरुण कश्यप
हरिद्वार: लोकसभा चुनाव कितना महंगा होता है इसका अंदाजा हम चुनाव आयोग की उस गाइडलाइन से लगा सकते हैं जिसमें प्रत्याशी को अधिकतम 70 लाख रूपये खर्च करने का अधिकार है। लेकिन बात अगर बड़ी-बड़ी पार्टियों की करें तो वह इससे भी कई गुना पैसा चुनाव में खर्च कर देती है।
वहीँ इस बार हरिद्वार लोकसभा सीट पर एक ऐसे युवा उम्मीदवार भी चुनाव लड़ रहे हैं जिन्होंने यह चुनाव लड़ने के लिए कई होटल में वेटर की नौकरी की और वहां से पैसा इकट्ठा किया। तब कहीं जाकर वह चुनाव लड़ने जितने पैसे जुटा पाए हैं। हम बात कर रहे हैं यूकेडी डेमोक्रेटिक के युवा उम्मीदवार त्रिवेंद्र रावत की। आज प्रेस क्लब में आयोजित प्रेस वार्ता में उन्होंने बताया कि वह केवल इसलिए चुनाव लड़ रहे हैं कि उनकी आवाज उनके विचार आम लोगों तक पहुंचे। वह शुरू में निर्दलीय नामांकन करने पहुंचे थे। बाद में उन्हें यूकेडी (डैमोक्रेटिक) ने अपना उम्मीदवार बनाया। उन्होंने बताया कि उन्होंने कई होटलों में वेटर की नौकरी की। ताकि पैसा जुटाकर लोकसभा चुनाव लड़ सके और सही मायने में जनता की सेवा कर सके।