मसूरी: सच कहते है कि हूनर किसी का गुलाम नही होता। एक ऐसा ही वाक्यया है जिला टिहरी गढवाल में चंम्बा के समीपी गाँव सेलूर पो0 कांडीखाल पट्टी जुआ निवासी मास्टर शेफ सुरेन्द्र सिह नेगी का। जो 13 साल की उर्म में पारिवारिक सम्याओं के कारण अपनी पढाई लिखाई छोडकर होटलों में काम करने चला गया था। लेकिन अपनी काबिलियत से आज विश्व मास्टर शेफ का खिताब जीतकर उत्तराखंड का नाम रोशन किया है। मसूरी पहुंचे विश्व मास्टर शेफ सुरेंद्र नेगी ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि उन्होंने 13 साल की उम्र में घर छोड़ दिया था व पंजाब के होटलों में काम किया बर्तन भी धोये। आज वह अपने कार्य से संतुष्ट हैं तथा वर्तमान में हरियाणा के पानीपत के फोर स्टार होटल में मुख्य शेफ के पद पर कार्यरत हैं। उन्होंने बताया कि नेशनल व विश्व मास्टर शेफ का खिताब दिलाने में उत्तराखंड के उत्पादों का अहम योगदान रहा है। विश्व शेफ प्रतियोगिता के लिए वह गोवा, बैंगलुरू, मुंबंई, आबूधाबी, मलेशिया गये व इसका फाइनल दिल्ली में हुआ था।जिसमे उन्होंने झान्ग्री कबाब बनाया था। जो उत्तराखंड के मक्की के आटे के लेप से बनाया गया था। विश्व मास्टर शेफ वर्ष2016 में तथा नेशनल वर्ष 2009 में जीता था। विश्व मास्टर शेफ प्रतियोगिता में विश्व भर से मास्टर शेफ आये थे।