उत्तराखंड: पूर्व मुख्यमंत्रियों से आवास भत्ता व अन्य सुविधाओं पर हुए खर्च की वसूली को माफ करने के मामले में दायर जनहित याचिका के मामले में राज्य सरकार ने हाईकोर्ट को बताया कि आगामी विधानसभा सत्र में पूर्व मुख्यमंत्रियों की सुविधा व खर्च पर नया कानून बनाने के लिए विधेयक लाया जा सकता है। इस विधेयक पर याचिकाकर्ता की ओर से आपत्ति जताते हुए उनके वकील कार्तिकेय हरि गुप्ता ने कोर्ट को बताया कि अगर सरकार पूर्व मुख्यमंत्रियों को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से विधानसभा सत्र में विधेयक पास करती है तो उसे कोर्ट में चुनौती दी जाएगी।
वहीँ हाईकोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 25 नवंबर तय की है। मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन एवं न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा के समक्ष इस मामले की सुनवई हुई। देहरादून की रूरल लिटिगेशन संस्था ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर राज्य सरकार के उस ऑर्डिनेंस को चुनौती दी है, जिसमें राज्य सरकार ने पूर्व मुख्यमंत्रियों के बकाया किराए को माफ कर दिया था।