नई दिल्ली: वीआइपी सुरक्षा में बड़ी कटौती करने और गांधी परिवार से एसपीजी कवर हटाने के बाद अब केंद्र सरकार ने गणमान्य लोगों की सिक्योरिटी से एनएसजी कमांडोज को पूरी तरह हटाने का फैसला लिया है। करीब दो दशक बाद ऐसा होगा जब एनएसजी के ब्लैक कैट कंमाडोज को अति विशिष्ट लोगों की सुरक्षा से दूर रखा जाएगा। आधुनिक हथियारों से लैस यह खास सुरक्षा दस्ता वीआईपी लोगों को सुरक्षा कवर देता है जो फिलहाल जेड प्लस सुरक्षा हासिल 13 अति विशिष्ट लोगों को मिली हुई है। ऐसे हर वीआईपी की सुरक्षा में करीब दो दर्जन कमांडो तैनात रहते हैं।
सरकार के ताजा फैसले के बाद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सुरक्षा अब एनएसजी की जगह अब दूसरे अर्धसैनिक बल के जवान संभालेंगे। एनएसजी से सुरक्षा पाने वालों में पूर्व मुख्यमंत्री मायावती, मुलायम सिंह यादव, चंद्रबाबू नायडू, प्रकाश सिंह बादल और फारूक अब्दुल्ला, असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल और भाजपा नेता एवं पूर्व उप प्रधानमंत्री एलके आडवाणी शामिल हैं।
केंद्रीय गृह मंत्रालय का मानना है कि एनएसजी (राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड) को आतंक निरोधी अभियानों पर ही अपना ध्यान केंद्रित करना चाहिए। वीआइपी की सुरक्षा में एनएसजी कमांडोज की तैनाती से इस बल पर अतिरिक्त बोझ पड़ रहा है जो इसकी विशेष क्षमताओं पर असर डाल सकता है। जानकारी के मुताबिक, सरकार के ताजा फैसले से वीआइपी की सुरक्षा में लगे 450 कमांडोज एंटी टेरर ऑपरेशनों के लिए खाली हो जाएंगे।