उत्तरकाशी। नगर पालिका बाड़ाहाट उत्तरकाशी के विस्तारीकरण के विरोध में ग्रामीणों ने कैबिनेट के फैसले के बाद भी अपनी नाराजगी जाहिर की। धरने पर बैठे ग्रामीणों ने कहा कि कैबिनेट ने जो निर्णय लिया उससे वह संशय में है। जब तक उनको यथा स्थिति से रूबरू नही करवाया जाता है वह धरना जारी रखेंगे। वहीं शुक्रवार को अपनी गिरफ्तारी देकर अपना विरोध जतायेंगे।
गांव बचाओ आंदोलन के बैनर तले धरने पर बैठे ग्रामीणों का धरना प्रदर्शन गुरूवार को 18 वें दिन भी जारी रहा। ग्रामीण सुबह से ही कलक्ट्रेट परिसर में कैबिनेट के फैसले को जानने के लिए कोशिश करते रहे। ग्रामीणों ने कैबिनेट बैठक के मिनट्स जानने के लिए दो बार डीएम डा. आशीष चौहान से मुलाकात की। लेकिन उसके बाद भी विस्तारीकरण की तस्वीर साफ नही हो पाई। डीएम ने ग्रामीणों को बताया कि 16 गांव में तिलोथ, जोशियाड़ा, लदाड़ी को पूर्ण शामिल किया गया है। वही अन्य छह गांव कंसेण, दिलसौड़ का मनेरा तोक,बसुंगा का लियाड़ा तोक, नाल्ड का घुट्टु सौड़, नाल्ड गंगोरी आरक्षित वन क्षेत्र, गणेशपुर का गर्मपानी, बगिल्यालगांव का कोटबंगला आदि आंशिक रूप से लिया गया है जिसको लेकर ग्रामीणों ने कहा कि यह लड़ाई पूरे 16 गांव की है। जब तक सरकार पालिका में शामिल 16 गांव के विस्तारीकरण का शासनादेश वापस नही लेती है आंदोलन जारी रहेगा।
ग्रामीण शुक्रवार को जनपद में प्रभारी मंत्री एवं सूबे के शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक के समक्ष अपनी समस्या रखेंगे। यदि इस पर कोई विचार नही किया गया तो वह उनको काले झंडे दिखायेंगें और विरोध कर अपनी गिरफ्तारी देंगे। वहीं दूसरी ओर ग्रामीणों के इस उग्र आंदोलन की चेतावनी को लेकर जिला प्रशासन पूरी तरह सर्तक हो गया है। लोनिवि गेस्ट हाऊस से लेकर मातली हैलीपैड तक मंत्री का घेराव न हो इसके लिए जिला प्रशासन पूरी मुस्तैनी के साथ अपनी तैयारी में लगा है।