रानीखेत: ताड़ीखेत ब्लाक के निर्मल दुभना गांव में डीएम द्वारा बनाई जांच टीम पंहुची। गांव में विकास कार्यो को लेकर विकास समिति दुभना का आक्रोश थम नही रहा था। कई योजनायें 2009 से धरातल पर उतरी ही नही। सीएम पोर्टर पर भी जांच की मांग की जा चुकी है। ब्लाक स्तर की जांच से भी गांव वाले सन्तुष्ट नही थे। ग्राम प्रधान राम सिंह रावत पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाये जा रहे थे। जांच कमेटी अपना कार्य करने यंहा पंहुची थी। इस कमेटी में पीडब्लूडी के एई केएस बिष्ट व यूबीएस बिष्ट जिला सहकारी अधिकारी , एडीओसी, एसके अनुरागी मुख्य रुप से थे।
क्षेत्र की पटवारी सहित अन्य ने विकास कार्यो की नाप जोख व जांच की। पंचायत भवन में बैठक भी हुई। यंहा पर भी बहस होती रही। लोग ग्राम प्रधान व कार्य कत्री संस्था से बेहद खफा थे। लोग 10 साल के कामों में हुई भारी वित्तिय अनियमित्ताओं को लेकर सवाल उठा रहे थे। प्रवासी गांव वाले रास्ते ,खड़न्जे, सुरक्षा दिवारों के निमार्ण व पेयजल के मद में हुई भारी बेईमानी पर खपा थे। लोगो का बड़ा आरोप था कि एक ही काम की 2 बार आर टी आई ली गई , जिनके आंकड़े बिलकुल मेल नही खाते हैं। ग्राम प्रधान पर आरोप था कि 8 बिल रावत जनरल स्टोर के नाम से प्रस्तुत कर भुगतान हुआ है। इस नाम की कोई दुकान नजदीकी बाजार दियूलिखेत में है ही नही।कम्पयूटर द्वारा बने इन बिलो की जांच की मांग भी जोर पकड़े थी। ज्ञातव्य है कि सीडीओ अल्मोड़ा मामले को देख रहे है। डीडीओ जांच करवा रहे हैं।