देहरादून: शिक्षा मंत्री अरविन्द पाण्डेय की अध्यक्षता में गुरूवार को सचिवालय सभागार में सर्व शिक्षा अभियान, राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान एवं समग्र शिक्षा अभियान की समीक्षा बैठक सम्पन्न हुई। इस दौरान शिक्षा मंत्री द्वारा सी.बी.एस.सी. पाठ्यक्रम के गैर शासकीय विद्यालयों में एन.सी.ई.आर.टी. की पुस्तकों के अतिरिक्त कतिपय विद्यालयों द्वारा लगाई गई अन्य पुस्तकों में एन.सी.ई.आर.टी. के दरों से ज्यादा मूल्य न रखने के मा. उच्च न्यायालय के आदेशों के अनुरूप रिपोर्ट तैयार कर मा. उच्च न्यायालय तथा शासन को अवगत कराने के निर्देश दिए। इसके लिये शिक्षा मंत्री ने देहरादून, हरिद्वार, नैनीताल, ऊधमसिंह नगर में एक-एक नोडल अधिकारी नियुक्त करने के निर्देश दिये गये। कार्यक्रम में मौजूद शिक्षा मंत्री अरविन्द पाण्डेय ने कहा कि शिक्षा एक महत्वपूर्ण विषय है इसलिए शिक्षा विभाग में हड़ताल नहीं होनी चाहिए। इस पर विभागीय अधिकारियों को लगातार नजर रखनी चाहिए। उन्होंने पूर्व में जारी आदेश जिसमें 10 छात्र संख्या से कम वाले विद्यालयों को निकट के स्कूल में मर्ज करने के प्रकरणों में कतिपय संदिग्ध प्रकरणों की पुनः जांच करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि इस निर्णय के बाद कतिपय विद्यालायों में छात्र संख्या का बढ़ने की वास्तविकता की पुनः जांच कर कार्यवाही की जाए। उन्होंने विद्यालय में शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए कठोर कदम उठाने के निर्देश शिक्षा अधिकारियों को दिये। उन्होंने अधिकारियों से शिक्षा के हित को ध्यान में रखकर कठोर निर्णय लेने में कोई भी कोताही न बरतने के निर्देश दिए।
शिक्षा मंत्री ने भारत सरकार की स्वीकृत योजनाओं में विद्यालयों में आई.सी.टी. योजना के अन्तर्गत कम्प्यूटर एवं नेटवर्किंग कार्य, नवाचारी गतिविधियों, योगा, बैंड प्रतियोगिता, कैरियर कॉन्सिलिंग, ग्राफिक आर्ट, गणित एवं अंग्रेजी स्पेलिंग विजार्ड, वाह्य राज्यों का भ्रमण, कला आदि कार्यों में गुणवत्ता का विशेष ध्यान रखने के निर्देश दिये। शिक्षा मंत्री ने स्वीकृत 140 प्राथमिक विद्यालयों के पुनर्निर्माण एवं 204 विद्यालयों की मरम्मत के कार्य में गुणवत्ता पर विशेष ध्यान रखने के निर्देश दिये।
इस अवसर पर अपर परियोजना निदेशक समग्र शिक्षा मुकुल सती द्वारा प्रस्तुतिकरण में अवगत कराया गया कि वर्ष 2018-19 में शिक्षा विभाग को 1055.05 करोड़ का बजट भारत सरकार से स्वीकृत हुआ है, जिसमें 224.20 करोड़ रूपये विगत वर्ष का स्पिल ओवर और 8308.05 करोड़ रूपये नवीन योजनाओं के अन्तर्गत स्वीकृत हुआ है।