नैनीताल: हाईकोर्ट ने नैनीताल में मल्लीताल आवागढ़ स्थित लखनऊ डायोसिसन ट्रस्ट एसोसिएशन कंपनी के विधवा आश्रम को खुर्दबुर्द करने के तीन आरोपियों की गिरफ्तारी पर रोक लगाते हुए इस मामले को व्यापक जनहित से जुड़ा हुआ मानते हुए इसे जनहित याचिका के रूप में दर्ज करने के लिए मुख्य न्यायाधीश को भेज दिया है।
न्यायमूर्ति लोकपाल सिंह की एकलपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई। मामले के अनुसार आगरा डायोसियन के सचिव राजीव चंद्र ने अप्रैल 2018 में मल्लीताल थाने में एफआईआर दर्ज कराई थी जिसमें आरोप लगाया था कि अनिल डेविड नामक एक व्यक्ति ने लखनऊ डायोसियन ट्रस्ट एसोसिएशन कंपनी का फर्जी डायरेक्टर बनकर मल्लीताल आवागढ़ स्थित एसोसिएशन का विधवा आश्रम मोहन जोशी, मदन जोशी, प्रदीप जोशी व नंदन अग्रवाल को फर्जी व कूटरचित दस्तावेज बनाकर बेचा है। इस मामले में पुलिस ने फर्जी दस्तावेज के जरिए विधवा आश्रम को बेचने वाले अनिल डेविड निवासी देवनगर मेरठ को गिरफ्तार कर लिया जबकि खरीददार ने गिरफतारी से बचने के लिए हाईकोर्ट की शरण ली। याचिका में कहा था कि वह बेकसूर है। उसने तो संपत्ति खरीदी है। पक्षों की सुनवाई के बाद हाईकोर्ट की एकलपीठ ने इस मामले को जनहित से जुड़े होने के आधार पर कार्यवाहक मुख्य न्यायधीश के समक्ष भेज दिया।