जोशीमठ: खूब विरोध के बाद देवस्थानम बोर्ड ने यू टर्न लिया है। आज देवस्थानम बोर्ड द्वारा बद्रीनाथ मंदिर को ब्रह्म मुहूर्त पर ही खोला गया है जो आदि गुरु शंकराचार्य द्वारा बनाई गई परंपराओं के अनुसार अनंत कल से चलता आ रहा है।
आप को बतादें कि देवस्थानम बोर्ड द्वारा बद्रीनाथ धाम मंदिर के खुलने के समय में बदलाव किया गया था। जिसको लेकर अलग अलग तीर्थ पुरोहित संघों ने खूब विरोध खड़े किए थे। उनका कहना था कि “जब यात्रियों को मंदिर में आने की अनुमति ही नहीं है तो फिर मंदिर के ब्रह्म मुहूर्त में खुलने के समय को क्यों बदला गया? देवस्थानम बोर्ड द्वारा मंदिर के खोलने के समय में बदलाव करना धार्मिक मान्यताओं के साथ छेड़छाड़ है।” तीर्थ पुरोहित संघों का यह कहना था कि देवस्थानम बोर्ड चारों धामों में परंपराओं के साथ लागतात छेड़खानी कर रहा है, जो सनातन धर्म के लिए ठीक नहीं है। आदि गुरु शंकराचार्य द्वारा बनाई गई परंपराओं के साथ छेड़खानी करना दुर्भाग्यपूर्ण है और ब्रह्म कपाल तीर्थ पुरोहित संघ इसका विरोध करता है।
हमसे बात करते हुए बद्रीनाथ धाम मूल डिमरी समाज के उपाध्यक्ष पंडित भास्क डिमरी ने सनातन धर्म में मुहूर्त का महत्व बताते हुए बोर्ड द्वारा मंदिर के खोलने के समय में बदलाव करने का विरोध किया है। साथ ही पंडित भास्क डिमरी ने कहा कि बोर्ड को जो भी फैसला लेना हो, वे हक़हकूक धारियों के साथ मिलके ही लेना चैहिये ताकि आदि गुरु शंकराचार्य द्वारा बनाई गई परंपराओं में कोई छेड़छाड़ न हो। पर इसमें एक शब्द जोड़ देना कभी ऐसा देरी भी कपट खुलते व बन्द करने का नियम है वह केवल ग्रहण तिथियों पे ही आधारित है।
हैलो उत्तराखंड न्यूज़ ने बात करते हुए उप मुख्य कार्यकारी अधिकारी बीडी सिंह से बताया कि कुसग टेकिन्कल फाल्ट की वजह से समय में बदलाव किया गया था लकिन आज से फिर बद्रीनाथ मंदिर ब्रह्म मुहूर्त पर ही खोला गया। लकिन सवाल यह है कि धार्मिक मान्यताओं के साथ छेड़छाड़ क्यों?
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