टिहरी गढ़वाल: सूबे के पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष किशोर उपाध्याय ने उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत से कहा है कि “आज श्री देव सुमन जी के जन्मदिन पर वे श्री देव सुमन विश्व विद्यालय से बेगुनाह निकाले गये 42 कर्मचारियों को नौकरी पर वापस लें और विश्व विद्यालय का कैम्पस चम्बा में स्थापित करें। उपाध्याय ने कहा कि बड़े संघर्ष से वे इस विश्व विद्यालय को लाये थे। सुमन जी को यह आज के दिन सबसे अच्छी और बड़ी श्रद्धांजलि होगी।”
उपाध्याय ने अपने पत्र में उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत को लिखा है कि “आज विश्व के अप्रतिम मानवता वादी अमर शहीद श्री देव सुमन की जन्म जयन्ती है, जिन्होंने 84 दिन तक मानव अधिकारों की रक्षा के लिये उपवास किया और तत्कालीन सत्ता ने उनकी देह को हमेशा के लिये शान्त कर दिया, लेकिन वे उनके विचारों की हत्या नहीं कर पाये। उन्ही के चरण चिन्हों पर चलकर मैंने 15 दिन का उपवास किया था, तत्कालीन सरकार ने विधान सभा में मेरे कपड़े फाड़े थे और उस संघर्ष के बाद श्रीदेव सुमन विश्व विद्यालय की स्थापना का निर्णय लिया गया था।”
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उन्होने कहा कि “विश्व विद्यालय तो स्थापित किया गया, लेकिन आधा-अधूरा। न कैम्पस और न पूरा स्टाफ़। जिन लोगों ने इस विश्व विद्यालय की स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी थी, उन कर्मचारियों को सरकार ने नौकरी से निकाल दिया। अब वे ओवर एज हो रहे हैं और उनके परिवार भूखमरी के कगार पर हैं। यह अत्याचार उस संस्थान में हो रहा हैं, जिसका नाम अन्याय के ख़िलाफ़ लड़ने वाले महापुरुष के नाम पर रखा गया है। मैं तो यहाँ इंजीनियरिंग कालेज, डिग्री कालेज, कई विद्यालय और वानिकी विश्व विद्यालय भी लाया था, जिसे बाद में यहाँ से दूसरी जगह ले ज़ाया गाया, मैंने कभी यह नहीं किया कि यह मेरा है, यह मेरा नहीं है। समदर्शिता रखी। 42 परिवारों का चूल्हा बुझा देना अच्छी बात नहीं है।”
उपाधयाय ने बताया कि उन्होने सुमन जी के जन्म दिवस पर उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत से आग्रहकिया है कि इन 42 बेगुनाह निकाले गये विश्व विद्यालय के कर्मचारियों को अविलम्ब नौकरी पर वापस लिया जाय और जिस सम्बन्ध में उन्होने उच्च शिक्षा मंत्री से वार्ता भी की थी और साथ ही विश्व विद्यालय का कैम्पस चम्बा में स्थापित किए जाने की बात की थे।