देहरादून: गंगा राष्ट्रीय नदी होने के साथ ही इसका धार्मिक महत्त्व भी है। कृषि की समृद्धि में भी इसका महत्वपूर्ण योगदान है, गंगा नदी अपने तटवर्ती क्षेत्रों की भूमि को उपजाऊ बनाकर चलती है। धार्मिक दृष्टि से भी इसका महत्व इससे समझा जा सकता है कि, हर धार्मिक कार्य में गंगा के पवित्र जल का प्रयोग किया जाता है, साथ ही इसके पवित्र जल में स्नान करने मात्र से ही पुण्य मिलना समझा जाता है।
पानी की दृष्टि से अपने उद्गम स्थान से चलते हुए गंगा का जल बहुत पवित्र एवं स्वच्छ है। लेकिन फिर धीरे- धीरे इसमें शहरों के गंदे नाले का जल और कूड़ा-करकट मिलता जाता है। जिससे इसका पवित्र जल मलिन होता जा रहा है। सरकार गंगा सफाई को लेकर करोड़ों की योजनायें चला रही है, लेकिन जमीनी स्तर पर इसका कुछ विशेष असर नहीं दिख रहा है। नमामि गंगे कार्यक्रम के तहत केंद्र व राज्य सरकार लाख दावे कर रही हो, लेकिन ये दावे खोकले नजर आ रहे हैं। सरकार के इन दावों की पोल स्वामी विकास नाम के एक व्यक्ति ने विडियो के जरिये खोली है। वे इस विडियो में ऋषिकेश व हरिद्वार से गंगा जल ना भरने की बात कह रहे हैं, इसका कारण वे विडियो में बता रहे हैं। उन्होंने ये विडियो ऋषिकेश में गंगा नदी के किनारे बनाया है, जहाँ वे सीवर व गंदे नाले को गंगा के पवित्र जल में मिलते हुए दिखा रहे हैं। साथ ही उन्होंने दावा किया है कि ऐसे कई गंदे नाले हैं जिनको गंगा में छोड़ा जा रहा है। वो ये भी कहते हुए नजर आ रहे हैं कि, इसके लिए ना ही लोग जागरूक हैं और ना ही सरकार। साथ ही वे गंगा के भविष्य को लेकर भी कहते नजर आ रहे हैं कि, यदि ऐसे ही चलता रहा तो एक दिन ये पवित्र गंगा भी नाले में तब्दील हो जाएगी।
ऐसे में अब देखना होगा कि, हवाई दावे करने वाले शासन-प्रशासन इस जमीनी हकीकत से रूबरू होने के पश्चात क्या कदम उठाते हैं या फिर यूं ही इस पवित्र जल को नाले में तब्दील होते देखते रहते हैं।