देहरादून: श्राइन बोर्ड के ख़िलाफ़ एक बार फिर पुरोहितों ने जोरदार प्रदर्शन कर विधानसभा कूच किया। इस दौरान पुरोहित ने विधानसभा के पास शंख और घंटा बजाकर श्राइन बोर्ड के ख़िलाफ़ सरकार को जगाया। पुरोहितों ने सरकार के ख़िलाफ जमकर नारेबाजी करते हुए पुलिस और तीर्थ पुरुषों के बीच धक्का-मुक्की भी हुई । पुरोहितों का साथ देते हुए विपक्षी कांग्रेस ने भी विधानसभा सत्र को हंगामेदार बनाया। जिसकी वजह से सरकार को दोपहर 12 बजे तक विधानसभा सत्र स्थगित करना पड़ा।
हेलो उत्तराखंड से बातचीत कर डिमरी समाज के प्रवक्क्ता पंकज डिमरी ने बताया कि प्रदेश सरकार जिस प्रकार से चार धाम यात्रा को श्राइन बोर्ड में लाना चाह रही है वो गैर सविंधानिक है। पुरोहित डिमरी ने बताया कि सरकार कि श्राइन बोर्ड लाने के पीछे कि मंशा मंदिर और मठों कि संपति पर अधिकार जमाना है। जबकि सुप्रीम कोर्ट ने 1965 में तमिलनाडु के चिदंबरम मंदिर के मसले पर साफ़ निर्देश दिए थे कि सरकार को मंदिर प्रशासन में हस्तछेप करने का अधिकार नहीं है। लेकिन बावजूद उसके भी सरकार श्राइन बोर्ड लाने का प्रयास कर रही है जो कि गैर कानूनी है। यदि सरकार पुरोहितों से बातचीत कर इसका हल नहीं निकलती है तो मजबूरन पुरोहितों को न्यायालय कि शरण लेनी पड़ेगी।