Video: टिहरी समाज कल्याण अधिकारी के अंतरधार्मिक विवाह प्रोत्साहन आदेश से घमासान, मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत का आया बयान

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देहरादून: इन दिनों सोशल मिडिया पर एक प्रेस नोट खूब वायरल हो रहा है, जिसको टिहरी के प्रभारी जिला समाज कल्याण अधिकारी दीपांकर घिल्डियाल ने जारी किया है। इस प्रेस नोट में अंतरजातीय व अंतरधार्मिक विवाह प्रोत्साहन योजना के लिए आवेदन की जानकारी दी गई है। साथ ही यह भी लिखा गया है कि अंतरधार्मिक और अंतरजातीय विवाह राष्ट्रीय एकता को जागृत रखने और समाज में एकता बनाए रखने में काफी सहायक सिद्ध हो सकता है। ऐसे विवाह पर सरकार योजना के तहत 50 हजार रुपये का अनुदान देती है।
आदेश के वायरल होते ही सियासत भी गर्माने लगी जिसको लेकर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि लव जिहाद की आड़ में संप्रदायिकता को किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि राज्य में किसी भी तरह का तनाव ना हो इसके लिए सरकार प्रतिबद्ध है। लव जिहाद की आड़ में आतंकवाद फैलाने वाले ऐसे लोगों के खिलाफ सरकार सख्ती से निपटेगी। साथ ही कहा कि लव जिहाद की आड़ में साम्प्रदायिका को रोकने के लिए हम पहले ही राज्य धर्म स्वतंत्र विधेयक लाये हैं। इसमें ऐसे लोगों के खिलाफ कानूनी कार्यवाही की जाएगी जो छल क्षम तरीके से शादी विवाह करते हैं। सोशल मीडिया पर कई तरह की प्रतिक्रियाएं आ रही हैं।

 

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वहीं भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष देवेन्द्र भसीन ने इसे एक पुराना आदेश बताया है, जो पुनः जारी हो होने की बात कही है और सरकार द्वारा इसका संज्ञान लेने और उसे ठीक करने की कार्यवाही की बात कही है।

मुख्यमंत्री के सलाहकार अलोक भट्ट ने भी अपने ट्वीट में लिखा है कि उत्तराखंड सरकार ने एक कानून पारित किया है जिसके तहत धोखे से शादी के बाद रूपांतरण गैर जमानती है, यह शादी का कोई आधार नहीं है और लव जिहादी 1-5 साल के लिए जेल जाएंगे!

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