देहरादून: देवस्थानम् बोर्ड भंग कराने को लेकर श्री केदारनाथ धाम के पंडा पुरोहितों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपने ख़ून से लिखा एक पत्र भेजा है। जिसके लिये तीर्थ पुरोहित संतोष त्रिवेदी ने 11 अगस्त, 2021 को सरकारी एलोपैथिक चिकित्सालय केदारनाथ में स्वेच्छा से स्वयं के कार्य के लिए 5 ml रक्त निकलवाया। अपने खून से लिखे पत्र में संतोष त्रिवेदी ने लिखा है कि “राज्य सरकार द्वारा देवस्थानम बोर्ड बनाने का कदम सनातन धर्म की पौराणिक परंपराओं के साथ छेड़छाड़ है। ‘पुरोहितों के हक हुकूकों के साथ जबरन खिलवाड़ किया जा रहा है, जो उचित नहीं है।” संतोष त्रिवेदी ने प्रधानमंत्री से देवस्थानम् बोर्ड भंग कराने की गुहार लगाई है।
जहाँ एक और पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत चारधाम देवस्थानम् बोर्ड एक्ट को अपने कार्यकाल का एक ऐतिहासिक फैसला बताकर पीट थपथपा रहे है, तो वहीँ दूसरी ओर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी दिल्ली जाकर इस मामले में लगाकर पार्टी के शीर्ष नेताओं के साथ ज़ोरों से मंथन करने में लगे है।
आपको बतादें कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पहले ही इस मामले में 21 जुलाई को हाई पॉवर कमेटी बनाने की बात कही थी। चूँकि विधानसभा चुनाव सर पर है और तीर्थ-पुरोहितों की लम्बे समय से नाराज़गी भाजपा सरकार के लिए एक बहुत बड़ी चुनौती बनती दिख रही है। भाजपा सरकार अभी भी इस मामले में कोई ठोस कदम उठाती नहीं दिख रही है, जो भाजपा के लिए आगे चलके बहुत बड़ी चिंता का विषय बन सकता है।
वहीँ विपक्षी दल कांग्रेस और आप इस मामले में पैनी नज़र बनाए हुए है और देवस्थानम् बोर्ड को भंग करने की मांग को लेकर पंडा पुरोहितों का पुरज़ोर समर्थन कर रहे है।