बागेश्वर: जिले में हिंसक हो चुके गुलदारों को तत्काल मारने का आदेश देने और मुआवजे की मांग को लेकर द्यांगड़ और नदीगांव के ग्रामीणों ने बागेश्वर-कौसानी-अल्मोड़ा राष्ट्रीय राजमार्ग घंटों बाधित रखा। ग्रामीणों ने जिला प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाते हुये वन विभाग के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की।
दरअसल बीते कल देर सायं द्यांगण गांव में गुलदार देखा गया। जिसके बाद गुलदार के डर से लोग दौड़कर अपने-अपने घरों की ओर भागने लगे। इसी भगदड में 15 साल के हेमंत की गिरकर मौत हो गयी। हेमंत मूल से रूप से अमरसरकोट का रहने वाला है और बचपन से ही अपने ननिहाल द्यांगड़ में रहता था।
ग्रामीणों का आरोप है कि, प्रशासन ने एक दिन बाद भी हेमंत के परिवार को मुआवजे की घोषणा नहीं की। बाघ को मारने की मांग करते हुये ग्रामीणों ने कहा कि, दहशत के कारण उनका घर से निकलना दूभर हो गया है। बच्चे स्कूल जाने से डरने लगे हैं। अब गुलदार खुलेआम गांव में नजर आने लगा है जिससे दिन ढ़लने के बाद ग्रामीण घरों में दुबकने को मजबूर हैं।
इसके अलावा ग्रामीणों का आरोप है कि, कई बार वन विभाग से गांव में पिजरा लगाने और गुलदार को मारने का अनुरोध किया गया लेकिन, उनकी बात पर ध्यान नहीं दिया गया। उन्होंने कहा कि, अधिकारी समय रहते कदम उठा लेते तो आज गांव के दो मासूमों को अपनी जान ना गवानी पड़ती।