रुद्रप्रयाग/चमोली/उत्तरकाशी: आज पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज के खिलाफ चारों धामों में खासा आक्रोश दिखा। जोशीमठ, मैथाना, चमोली, गरीगांव, श्रीनगर, देवप्रयाग, मखुवा, गंगोत्री, खरसाली, यमुनोत्री आदि जगहों पर पंडित समाज द्वारा पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज का ज़बर्दस्त विरोध किया गया। यह विरोध सतपाल महाराज के कल के उस बयान के बाद सामने आया जो महाराज द्वारा देवस्थानम बोर्ड को लेकर दिया गया था।
ब्रह्म कपाल तीर्थ पुरोहितों संघ द्वारा जगह जगह पर विरोध प्रदर्शन किया गया। ब्रह्म कपाल तीर्थ पुरोहित पंचायत समिति के अध्यक्ष उमेश सती के नेतृत्व में आज सतपाल महाराज का पुतला कई जगहों पर दहन किया गया। उमेश सती ने कहा कि कल सतपाल महाराज द्वारा बयान दिया गया था कि सरकार देवस्थाना एक्ट को वापस नहीं लेगी, जिससे चारों धामों की तीर्थ पुरोहित नाराज हैं और इसी के फलस्वरूप आज चारों धामों में सतपाल महाराज का पुतला दहन किया गया।
इसी क्रम में तीर्थ पुरोहित संघ द्वारा यह भी निर्णय लिया गया कि अगर सरकार जल्दी इस देवस्थानम बोर्ड को भंग नहीं करती है, तो 21 जून को ब्रह्मा कपाल संघ काली पट्टी बांधकर सरकार का पिंडदान करेगी। विरोध प्रदर्शन में उमेश सती, देवेंद्र नौटियाल, प्रदीप नौटियाल, आनंद सती, मोहित सती, रोहित सती, सौरभ नौटियाल, सागर नौटियाल, हर्षित नौटियाल, गर्व सती, मनोज नौटियाल, अनुज नौटियाल, पुष्पम नौटियाल, चंद्र मोहन नौटियाल, अभिषेक भट्ट व पुरोहित ब्रह्मकपाल व अन्य तीर्थ पुरोहित शामिल रहे।
यह भी पढ़ें: उत्तराखंड: फिर से 8 IAS व 2 PCS अधिकारियों में हुआ फेरबदल, देखें सूची
वहीँ पर्यटन सिंचाई सतपाल महाराज ने देवस्थान बोर्ड पर पुनर्विचार न किये जाने को लेकर विभिन्न मीडिया माध्यमों में चल रहे बयान को खारिज करते हुए स्पष्ट रूप से कहा है कि उन्होंने ऐसा कोई बयान नहीं दिया है। सतपाल महाराज ने कहा कि उन्होंने ऐसा कोई बयान नहीं दिया जिसमें कुछ मीडिया माध्यमों में धमक खबर फैलाई जा रही है, कि उनके द्वारा यह कहा गया है देवस्थानम बोर्ड पर पुनर्विचार नहीं होगा। महाराज ने कहा कि उनके बयान को तोड़ मरोड़ कर पेश किया गया है। पर्यटन मंत्री महाराज ने कहा कि वह तीर्थ पुरोहित और पंडा समाज को स्पष्ट रूप से कहना चाहते हैं कि उन्होंने एक न्यूज़ चैनल द्वारा पूछे गए सवाल कि क्या “देवस्थानम बोर्ड में 4 मंदिरों के अलावा अन्य को शामिल करने पर क्या कोई पुनर्विचार चल रहा है” के जवाब में उत्तर देते हुए कहा था कि इन्हीं चार मंदिर समूह में शामिल कुल 51 मंदिर जो इनके परिसर में ही स्थित है, उनके अलावा किसी अन्य को देवस्थान बोर्ड में शामिल करने पर कोई भी पुनर्विचार नहीं चल रहा है। इसके अलावा उन्होंने देवस्थानम बोर्ड को लेकर कभी भी कोई गलत बात नहीं कही।
पर्यटन मंत्री ने स्पष्ट रूप से कहा कि इसके अतिरिक्त उन्होंने देवस्थानम को लेकर ऐसा कोई बयान नहीं दिया जिसको लेकर विवाद खड़ा किया जाए। उन्होंने कहा कि उनके बयान को जानबूझकर काट छांट कर इस तरह से दिखाया गया जिससे समाज में आक्रोश भड़के।
यह भी पढ़ें: उत्तराखंड: कोविड कर्फ्यू गाइडलाइन में एक और बड़ा संशोधन, देखें क्या है संशोधन