जोशीमठ: जब से उत्तराखंड सकरार द्वारा देवस्थानम बोर्ड बनाया गया है, तभी से बोर्ड किसी ने किसी विवाद में हमेशा रहा है। इसी कड़ी में अब फिर से देवस्थानम बोर्ड बद्रीनाथ धाम मंदिर के खुलने के समय को लेकर चर्चा में है। बोर्ड ने एक SOP जारी की है जिममें बोर्ड ने भगवान बदरी विशाल के मंदिर के साथ-साथ अन्य मंदिरों को खोलने का समय सुबह 7 बजे से शाम 7:00 बजे तय रखा है। जिसको लेकर अलग अलग तीर्थ पुरोहित संघों ने बड़े सवाल खड़े किए हैं। उनका कहना है कि “जब यात्रियों को मंदिर में आने की अनुमति ही नहीं है तो फिर मंदिर के ब्रह्म मुहूर्त में खुलने के समय को क्यों बदला गया? देवस्थानम बोर्ड द्वारा मंदिर के खोलने के समय में बदलाव करना धार्मिक मान्यताओं के साथ छेड़छाड़ है।”
तीर्थ पुरोहित संघों का आरोप है कि देवस्थानम बोर्ड चारों धामों में परंपराओं के साथ लागतात छेड़खानी कर रहा है, जो सनातन धर्म के लिए ठीक नहीं है। आदि गुरु शंकराचार्य द्वारा बनाई गई परंपराओं के साथ छेड़खानी करना दुर्भाग्यपूर्ण है और ब्रह्म कपाल तीर्थ पुरोहित संघ इसका विरोध करता है।
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तीर्थ पुरोहित संघ ने मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत और पर्यटन व संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज से परम्परा के अनुसार ब्रह्म मुहूर्त में ही चारधाम मंदिरों को खोले जाने की व्यवस्था बहाल करने मांग की है।
बद्रीनाथ धाम भारत के अंतिम गांव माना के मूल निवासी पीतांबर मोल्फा जो वर्तमान में माना गांव के प्रधान है, ने भी बोर्ड के इस फैसले की निंदा की है और मंदिर के खोलने के समय में बदलाव करना धार्मिक मान्यताओं के साथ छेड़छाड़ करना बताया है।
हैलो उत्तराखंड न्यूज़ ने इस मामले को लेकर मुख्य कार्यकारी अधिकारी रविनाथ रमन व उप मुख्य कार्यकारी अधिकारी बीडी सिंह से संपर्क करने चाहा लकिन हमेशा की तरह इस बार भी इन अधिकारियों के साथ संपर्क न हो सका।
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