देहरादून: मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह ने मंगलवार को वीडियो कॉन्फ्रेन्सिंग के माध्यम केदारनाथ यात्रा व्यवस्था की समीक्षा की। कहा कि, चिकित्सा सुविधाओं को और बेहतर बनाया जाय। खासतौर पर गौरीकुंड से केदारनाथ तक यात्रा मार्ग में सभी स्थानों पर फर्स्ट रिसासिटेशन (पुनर्जीवन) किट उपलब्ध रहे। किसी यात्री की बीमारी की सूचना पर उसे तत्काल उपचार उपलब्ध कराया जाय।
जिलाधिकारी रुद्रप्रयाग मंगेश घिल्डियाल ने बताया कि, रुद्रप्रयाग से घोलतीर के बीच में 23 एम.आर.पी. (मेडिकल रिलीफ पोस्ट), चिकित्सा इकाई स्थापित की गई है। 40 ऑक्सीजन सिलेंडर और 15 ऑक्सीजन जनरेटर की व्यवस्था की गई है। डाक्टरों के अलावा 46 पैरा मेडिकल स्टाॅफ की तैनाती की गई है। सिग्मा के सहयोग से दो हृदय रोग विशेषज्ञ तैनात किए गए हैं। 26 मई से 02 और डॉक्टर आ जाएंगे। चिकित्सा इकाइयों में ईसीजी, पल्स आॅक्सीमीटर, नेबुलाइजर, एक्स-रे मशीन आदि जरूरी उपकरण उपलब्ध कराए गए हैं। इसके अलावा 04 एम्बुलेंस तैनात हैं। उन्होंने बताया कि, जिला चिकित्सालय रुद्रप्रयाग, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र अगस्त्यमुनि, चिकित्सा इकाई भीरी, राजकीय एलोपैथिक चिकित्सालय गुप्तकाशी, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र फाटा, एमआरपी सीतापुर, चिकित्सा इकाई सोनप्रयाग, एमआरपी त्रियुगीनारायण, राजकीय एलोपैथिक चिकित्सालय गौरीकुंड, एमआरपी छौड़ी, चिकित्सा इकाई जंगलचट्टी, एमआरपी भीमबली, चिकित्सा इकाई रामबाडा पुल, एमआरपी छोटी लिंचैली, चिकित्सा इकाई बड़ी लिंचैली, एमआरपी कैंची भैरव, एमआरपी रुद्रा प्वाइंट, एमआरपी बेस कैम्प केदारनाथ मंदिर के पास, चिकित्सा इकाई केदारनाथ के अलावा ऊखीमठ, चोपता, तुंगनाथ, गौंण्डार, मद्महेश्वर और घोलतीर में चिकित्सा इकाई स्थापित की गई है। उन्होंने बताया कि, जिला प्रशासन द्वारा तैनात किए गए सेक्टर मजिस्ट्रेट पूरे यात्रा मार्ग पर निगरानी रखते हैं। पैदल मार्ग पर किसी यात्री के बीमार होने की सूचना पर उन्हें हेलीकॉप्टर से एयरलिफ्ट कर चिकित्सा इकाई तक पहुंचाया जाता है।
जिलाधिकारी घिल्डियाल ने बताया कि, गौरीकुंड से केदारनाथ तक हर 25 मीटर पर एलईडी बल्ब लगाए गए हैं। पानी, शौचालय, सफाई व्यवस्था पर नियमित निगरानी रखी जा रही है। पूरे मार्ग को वाई-फाई कर दिया गया है। केदारनाथ धाम और आस-पास के तीर्थ स्थलों की जानकारी देने के लिये ’केदारगााथा’ एप का इस्तेमाल यात्रियों द्वारा किया जा रहा है।