देहरादून: आयुर्वेद विवि के निलंबित कुलसचिव मृत्युंजय मिश्रा को आज कोर्ट में पेश किया गया। कोर्ट में बहस शुरू होने से पहले मृत्युंजय मिश्रा के वकील ने एफआईआर की कापी मांगी। एफआईआर की कापी मिलने के बाद बहस शुरू हो पाई। एडीजे राजीव कुमार खुल्बे की अदालत ने मृत्युंज मिश्रा को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। मामले की अगली सुनवाई 17 दिसंबर को होगी।
मृत्युंजय मिश्रा को भर्ती में गड़बड़ी करने, वित्तीय अनियमितता और घोटाले के आरोप में मिश्रा को गिरफ्तार किया गया है। मृत्युंजय मिश्रा का नाम हाल ही में चर्चित समाचार प्लस स्टिंग प्रकरण में भी सामने आया था।
लेक्चरर के पद पर तैनाती के बाद से ही मृत्युंजय मिश्रा कई वित्तीय अनियमितताओं और घपले-घोटालों को लेकर चर्चित रहे। सबसे पहले चकराता और त्यूणी महाविद्यालयों में प्राचार्य के दोहरे प्रभार से चर्चा में आने वाले मिश्रा एक ही शैक्षिक सत्र में दो-दो डिग्रियां हासिल करने को लेकर सवालों के घेरे में आए थे।
उसके बाद उत्तराखंड तकनीकी विश्वविद्यालय में 2007 में कुलसचिव के तौर पर नियम विरुद्ध नियुक्ति और उत्तर पुस्तिकाओं की खरीद से लेकर नियुक्तियों तक में गड़बडियां करने के आरोप लगे। इसी तरह आयुर्वेद विवि में भी उनका कार्यकाल विवादित रहा। मिश्रा जितने विवादित हुए, उनकी पहुंच भी उतनी बढ़ती गई। यहां तक की उनको अपर स्थानिक आयुक्त भी बनाया गया। हालांकि बाद में सचिवालय से संबद्ध कर दिया गया।