नई दिल्ली: केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने साल 2009 में 75 बुनियादी ट्रेनर विमानों की खरीद में कथित अनियमितताओं को लेकर वायु सेना, रक्षा मंत्रालय के अज्ञात अधिकारियों, हथियार डीलर संजय भंडारी और स्विट्जरलैंड की विमान बनाने वाली कंपनी पिलैटस एयरक्राफ्ट लिमिटेड के अधिकारियों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज किया है। सीबीआई का आरोप है कि इस सौदे में कथित रूप से 339 करोड़ रुपये की रिश्वत दी गई थी।
बता दें कि साल 2009 में 75 बेसिक ट्रेनर विमानों की खरीद में अनियमितता और भ्रष्टाचार के मामले में सीबीआई ने शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने भगोड़े हथियार डीलर संजय भंडारी के ठिकानों पर छापेमारी की है। संजय भंडारी के ठिकानों से सीबाआइ को कई महत्वपूर्ण दस्तावेज भी मिले हैं। सीबीआई ने शुक्रवार को भंडारी और अन्य आरोपियों के ठिकानों पर दिल्ली और आसपास के क्षेत्र में छापेमारी की। अधिकारियों ने बताया कि कई और जगहों पर छापेमारी की जाएगी। सीबीआई की ओर से दर्ज की गई एफआईआर में हथियार डीलर संजय भंडारी की कंपनी का भी जिक्र किया गया है, जिसका ऑफिस दिल्ली के पंचशील पार्क में है।ट्रेनर एयरक्राफ्ट का इस्तेमाल एयर फोर्स ज्वाइन करने वाले कैडेट्स को उड़ान भरना सिखाने के लिए किया जाता है।
भारतीय वायुसेना ने स्वदेशी HTP-32 में लगातार खामियां आने के बाद उसके ऑपरेशन बंद करने के बाद पिलैटस विमान खरीदने का फैसला किया था।मनमोहन सिंह सरकार ने 75 पिलैटस विमान खरीदने के लिए 2,896 करोड रुपये की डील की थी। बता दें कि हथियार डीलर संजय भंडारी पर आरोप है कि उसने यूपीए सरकार के दौरान रक्षा सौदौं में दलाली की। संजय भंडारी पर साल 2009 में 75 बेसिक ट्रेनर एयरक्राफट की डील में करोड़ों रुपये की दलाली का आरोप है। दलाली में मिली रकम से भंडारी ने लंदल में कई प्रॉपर्टी खरीदी, जो की कथित रूप से रॉबर्ट वाड्रा के नाम पर है।