देहरादून: महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग के अंतर्गत मुख्य सचिव,उत्पल कुमार सिंह की अध्यक्षता में सचिवालय सभागार में सोमवार को वार्षिक महासभा एवं परियोजना स्वीकृति समिति की बैठक की गयी। विभागान्तर्गत भारत सरकार एवं राज्य सरकार द्वारा संचालित विभिन्न महत्वपूर्णं योजनाओं बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओं, राष्ट्रीय महिला हैल्प लाइन (181), वन स्टाँप सेंटर, निर्भया फण्ड, मुख्य मंत्री महिला सतत् आजीविका योजना इत्यादि की भौतिक एवं वित्तीय प्रगति की समीक्षा की गयी। जिसमें मुख्य सचिव महोदय द्वारा निर्देश दिये गये कि चूंकि भारत सरकार द्वारा समस्त महत्वपूर्ण योजनाएं जनपद स्तर पर जिलाधिकारी के माध्यम से संचालित की जा रही हैं। उन्होंने विभागीय योजनाओं की समीक्षा समय समय पर विभाग स्तर से वी.सी. के माध्यम से कर ससमय योजनाओं को पूर्ण करने की आवश्यकता पर बल दिया।
परियोजना स्वीकृति समिति के अंतर्गत विभाग द्वारा महिला सशक्तिकरण हेतु संचालित उत्तराखण्ड महिला समेकित विकास योजनान्तर्गत विज्ञप्ति के सापेक्ष प्राप्त कुल 30 परियोजना प्रस्तावों में से कुल 11 परियोजना प्रस्ताव को निदेशालय स्तर से स्क्रीनिंग कमेंटी द्वारा संस्तुत कर अग्रिम स्वीकृति हेतु प्रस्तुत किये गये। उक्त परियोजना प्रस्ताव राज्य के विभिन्न विकास खण्डों से विभिन्न संस्थाओं, युवा कल्याण विभाग एवं जिलाधिकारी, टिहरी गढ़वाल के माध्यम से वित्तीय सहायता हेतु प्रस्तुत किये गये थे। जिन परियोजना प्रस्तावों का मुख्य उद्देश्य महिलाओं के कार्यबोझ में कमी लाते हुए रोजगार के अवसर उपलब्ध कराते हुए महिलाओं को सशक्तिकरण किया जाना है।
उक्त 11 परियोजनाओं में से 4 परियोजना प्रस्तावों को आंशिक सशोधन कर स्वीकृति, अन्य 7 परियोजना प्रस्तावों को पुनः कमेंटी के निर्णय अनुसार संशोधन कर आगामी बैठक में प्रस्तुत करने के निर्देश दिये गये साथ ही उक्त मुख्य सचिव महोदय द्वारा आगामी बैठक में विपणन एवं परियोजनाओं की सत्ता के सदृड प्लान का समावेश करते हुए योजना का निर्माण किये जाने हुतु विभाग को निर्देशित किया गया।
उक्त बैठक में महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग से अपर मुख्य सचिव महोदया राधा रतूडी द्वारा मुख्य सचिव महोदय को संक्षिप्त ब्यौरा प्रस्तुत किया गया। राज्य परियोजना अधिकारी, आरती बलोदी के द्वारा योजनाओं की वित्तीय प्रगति के विषय में अवगत कराया गया।