कालाढूंगी: बीट वॉचर बहादुर सिंह चौहान की हत्या के मामले में नैनिताल पुलिस ने सभी लकड़ी तस्करो को पकड़ लिया है, जिसका मास्टरमाइंड फरार चल रहा था।
वह काशिपुर से देर रात अपने बच्चों को लेने आया था, जिसके बाद सूचना पर पुलिस ने उसे धर दबोचा। साथ ही उसके पास से एक बंदूक भी बरामद हुई है। पुलिस ने कड़ी मशक्कत के बाद इस गोली कांड के मास्टरमाइंड लखविंदर सिंह को गिरफ्तार किया।
इसके आलावा पुलिस ने इसके साथी परम जीत उर्फ पम्मू पुत्र दर्शन सिंह, थाना निवासी किलखेड़ा सूरज पुत्र पाल सिंह, निवासी माडेया केलाखेड़ा, करन सिंह पुत्र इन्द्र जीत सिंह, निवासी को हरसान बाजपुर सहित तीनों आरोपी पहले ही जेल भेजा जा चुके हैं। काण्ड के मास्टरमाइंड को पुलिस ने धारा 302,307, 553, के तहत कार्यवाही की है। इससे पूर्व तीनो आरोपी को तमंचे के साथ गिरफ्तार किया था, उसकी निशानदेही पर पुलिस ने एक आरा भी बरामद किया था।
पूछताछ में अभियुक्त ने बताया कि, वह तीन साथियों के साथ 21 जून को खैर की लकड़ी चोरी करने गए थे, तभी वन कर्मियों की टीम आई, उन्होंने वन कर्मियों पर फायर की और भाग गए। अपनी बंदूक को बोर नदी के किनारे फेंक गए।
अपर पुलिस अधीक्षक अमित वास्तव ने बताया कि, अभियुक्त के पास से 12 बोर की बंदूक मय एक अदद खाली खोका बोर नदी के पास से बरामद हुआ है। पूछताछ में यह भी बताया कि, वह कई सालों से लकड़ी चोरी भी करता है। उसके उपर दर्जनों मुकदमे होने व सजा होने के डर से बह ग्वालियर की तरफ भाग गया था। देर रात वह अपनी पत्नी व लड़की को लेने काशिपुर आया था ताकि वह दूर भाग जाये।
एसओजी टीम प्रभारी दिनेश पंत ने बताया कि, लखविंदर 2013 में कस्टडी से भी भाग चुका है। आरोपी लखविंदर के ऊपर 8 मुकदमे अलग-अलग थनों में पंजीकृत है और इसके अलावा वन विभाग में 4 मुकदमे दर्ज हुए हैं।
पुलिस टीम में थाना प्रभारी दिनेश नाथ महंत, एसओजी प्रभारी दिनेश पंत, एस आई शुसील जोशी, दिनेश चंद्र जोशी, राजेश कुमार, लखविंदर सिंह, मनमोहन रावत, किशन नाथ, जितेंद्र कुमार, अनूप तिवारी, आदि शामिल रहे।
बता दें कि, तराई केंद्रीय वन प्रभाग की बरहैनी रेंज में 21 जून रात लकड़ी तस्करों ने वन विभाग की टीम पर हमला कर दिया था। गोली लगने से बीट वॉचर बहादुर सिंह चौहान की मौत हो गई थी। साथ ही अन्य कर्मी महेंद्र सिंह घायल हो गया, जिसका सुशीला तिवारी अस्पताल में अभी इलाज चल रहा है।