श्रीनगरः देश के प्रसिद्ध तीर्थस्थल मां वैष्णो देवी के दरबार में इस साल श्रद्धालुओं ने रिकॉर्ड टोड़ दिया है। माता के दरबार में इस साल 62,71,000 श्रद्धालुओं ने हाजिरी लगाई है। वहीं, शारदीय नवरात्र में 3,64,643 श्रद्धालुओं ने मां के दर्शन किए। हालांकि बीच-बीच में राज्य के हालात कुछ बिगड़े। 5 अगस्त को अनुच्छेद 370 और 35ए को समाप्त करने के बाद राज्यभर में एहतियात के तौर पर पाबंदियां रखी गई।
जानकारी हो कि इस बार शारदीय नवरात्र में 3,64,643 श्रद्धालुओं ने मा वैष्णो देवी के दर्शन किए, जो पिछले छह वर्ष का नवरात्र में सर्वाधिक रिकॉर्ड है। इससे पहले वर्ष 2018 में 3,18,000, 2017 में 3,02,000, 2016 में 2,50,000, 2015 में 2,76,000 तथा 2014 में 2,00,000 लाख श्रद्धालु मां के दरबार पहुंचे थे। वहीं, श्राइन बोर्ड द्वारा नए ताराकोट मार्ग पर लगाए गए निशुल्क लंगर सेवा में शारदीय नवरात्र में 51,225 श्रद्धालुओं ने प्रसाद ग्रहण किया। इसी तरह घोड़ा, पिट्ठू और पालकी सेवा का 55,477 श्रद्धालुओं ने लाभ उठाया। वहीं, भवन और भैरव घाटी के बीच चलने वाली सेवा का 71,000 श्रद्धालुओं ने लाभ उठाया। इसी तरह भवन व आद्कुंवारी के मध्य चलने वाली बैटरी कार सेवा का 16,000 श्रद्धालुओं ने लाभ उठाया। वहीं, आधार शिविर कटड़ा से चलने वाली हेलिकॉप्टर सेवा का 5,260 श्रद्धालुओं ने लाभ उठाया।
इस साल जनवरी में 5 लाख से अधिक श्रद्धालु मां के दर्शन को पहुंचें। वहीं, फरवरी में यह संख्या घटकर 2,69,000 हो गई, क्योंकि इसी महीने में 14 फरवरी को जैश-ए-मोहम्मद ने दक्षिण कश्मीर के पुलवामा जिले में सीआपीएफ के काफिले पर आत्मघाती हमला किया था और 40 जवान शहीद हो गए थे। पुलवामा आतंकी हमले के जवाब में 26 फरवरी को भारत ने पााकिस्तान के बालाकोट में एयर स्ट्राइक की। उस दौरान हालात तनावपूर्ण रहे।