देहरादून: सरकार ने पांचवें राज्य वित्त आयोग का गठन कर दिया है। पूर्व मुख्य सचिव इंदु कुमार पांडे को आयोग की कमान सौंपी गई है। अध्यक्ष के अतिरिक्त इसके दो सदस्य होंगे। आयोग स्थानीय नगर निकायों और त्रिस्तरीय पंचायतों की आर्थिक स्थिति की समीक्षा कर वर्ष 2021 से अगले पांच साल के लिए अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपेगा।
राज्य के लिए पांचवें वित्त आयोग के गठन की अधिसूचना वित्त सचिव अमित नेगी ने जारी कर दी। आयोग में अध्यक्ष आइके पांडे के अतिरिक्त सेवानिवृत्त आइएएस डॉ एमसी जोशी को सदस्य और अपर सचिव वित्त भूपेश तिवारी को सदस्य सचिव बनाया गया है। आयोग का कार्यकाल एक वर्ष होगा। स्थानीय निकायों और त्रिस्तरीय पंचायतों की वित्तीय स्थिति की व्यापक समीक्षा के बाद आयोग एक अप्रैल 2021 से प्रारंभ होने वाले वित्तीय वर्ष से लेकर आगामी पांच वर्षों के लिए सहायता अनुदान का निर्धारण भी करेगा।
ग्राम पंचायतों, क्षेत्र पंचायतों, जिला पंचायतों और नगरीय स्थानीय निकायों और राज्य के बीच करों, शुल्कों, पथकरों के विभाजन, हिस्सेदारी को तय करना भी आयोग के कार्यक्षेत्र का हिस्सा है। पंचायतों और निकायों में वित्तीय सुधारों की स्थिति के साथ ही शहरी और शहरों से लगे अर्धशहरी क्षेत्रों और जनगणना कस्बों में बुनियादी ढांचागत सुविधाओं की स्थिति को भी आयोग खंगालेगा। वित्त सचिव ने बताया कि सभी स्तरों पर पंचायतों और नगरीय निकायों के संसाधन बढ़ाने की क्षमता के आधार पर अगले पांच वर्षों के लिए राजस्व संसाधन और अतिरिक्त संसाधन एकत्र करने को निर्धारित लक्ष्यों की पूर्ति और इस दिशा में किए गए प्रयासों का आकलन भी आयोग की ओर से किया जाएगा।