देहरादून: कारगिल विजय दिवस के मौके पर प्रदेश में कई जगहों पर शहीद जवानों के सम्मान में कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। इस दौरान देश के लिए शहीद जवानों को श्रद्धा सुमन अर्पित किये गये। गौरतलब हो कि आज के ही दिन 1999 में कारिगल में भारतीय सेना ने अपनी विजय पताका फहराई थी। कारगिल विजय की आज 19 वी वर्षगांठ पर शहीद हुये जवानों को याद किया जा रहा है। अल्मोड़ा कैंट स्थित शहीद स्माकर पर शहीद जवानों की पत्नीयों, विधानसभा उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह चौहान, सहित आर्मी के जवानों ने शहीद जवानों को श्रद्धांजली दी। इस मौके पर वक्ताओं ने कहा कि अल्मोड़ा वीर जवानों की धरती रही हैं। यहां हर परिवार से युवा सेना में जाना चाहता हैं। अल्मोड़ा के सात जवान इस लडाई में शहीद हुऐ थे। इसके अलावा पिथौरागढ़ में भी कारगिल विजय को शौर्य दिवस के रुप में मनाया गया। यहां शहीद वाटिका में शहीदों को श्रद्धा सुमन अर्पित किये गये। बता दें कि पिथौरागढ़ के 4 जवानों ने कारगिल युद्ध में अपना सर्वोच्च बलिदान दिया था।
वहीं राजधानी दून में भी शौर्य दिवस पर गांधी पार्क, देहरादून में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कारगिल शहीद स्मारक पर पुष्प चक्र अर्पित कर कारगिल शहीदों को नमन किया। इस दौरान मुख्यमंत्री ने वीर जवानों की शहादत को सलाम करते हुए कहा कि जब भी देश को जरूरत हुई है, तब हमेशा मातृभूमि की रक्षा के लिए हमारे जवान अपना सर्वस्व अर्पण करने के लिए तैयार रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि सैनिकों, पूर्व सैनिकों, वीर नारियों व शहीद सैनिकों के परिवारजनों का राज्य सरकार सम्मान करती है। प्रत्येक जिले में सैनिकों, पूर्व सैनिकों व उनके परिवारजनों की समस्याओं के निस्तारण के लिए एडीएम को नोडल अधिकारी नामित किया गया है। उन्होंने बताया कि सैनिक छुट्टी लेकर जब घर आते हैं तो उनके अपने काम भी होते हैं जो कि उन्हें निपटाने होते हैं। इसलिए अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि सैनिकों की शिकायतों व समस्याओं का जल्द से जल्द समाधान किया जाए। इसके अलावा सीएम ने कहा कि उत्तराखंड के स्कूलो में कारगिल युद्ध का इतिहास पढ़ाया जाएगा।
वहीं कार्यक्रम में मौजूद विधायक गणेश जोशी ने कहा कि मुख्यमंत्री स्वयं सैनिक परिवार से हैं और वो सैनिकों के प्रति विशेष तौर पर संवेदनशील हैं। शहीद सैनिकों के परिवार में से एक व्यक्ति को राज्य सरकार द्वारा नौकरी प्रदान की जाएगी। मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम में पदक विजेता सैन्य अधिकारियों, सैनिकों, शहीद सैनिकों के परिवारजनों, वीर नारियों को सम्मानित भी किया। कार्यक्रम में बताया गया कि कारगिल की लड़ाई में देश के 527 जवान शहीद हुए इनमें से 75 उत्तराखण्ड के थे। जबकि पाकिस्तान के कई गुना अधिक सैनिक मारे गए।