देहरादून: सरकार के दावो की पोल खोलता मामला एक दुःखद मामला सामने आया है। राजधानी देहरादून से सटे चकराता तहसील के दुर्गम गांव बुरायला में सड़क नहीं होने से प्रसूता की जान पर बन आई। बच्चे के जन्म के दौरान अधिक रक्त स्राव के कारण प्रसूता की तबियत खराब हो गई। मंगलवार को प्रसूता की तबियत अधिक बिगड़ी तो आनन-फानन में परिजनों ने उसे अस्पताल ले जाने की ठानी। क्षेत्र में सड़क नहीं होने के कारण परिजन रीना को बांस के डंडों में बांधकर लोखंडी रोड हैड तक 14 किमी की खड़ी चढ़ाई चढ़नी पड़ी।
जानकारी के अनुसार रीना पत्नी रमेश निवासी बुरायला ने घर पर ही एक बच्चे को जन्म दिया। मंगलवार को जच्चा की हालत बिगड़ने पर उसे बमुश्किल अस्पताल पहुँचाया गया। वह भी तब जब बरसात का मौसम होने के कारण क्षेत्र में कोहरा छाया हुआ था ऊपर से ठंड का सितम। उन्हें रीना को कंबल में लपेट कर मुख्य सड़क तक ले जाना पड़ा। इस दौरान रीना दर्द से करहाती रही। रोड हैड पर पहुंच परिजनों ने 108 एंबुलेंस सेवा को फोन किया। जो करीब एक घंटे के बाद मौके पर पहुंच सकी। इसके बाद परिजन रीना को करीब 72 किमी दूर सीएचसी विकासनगर ले कर पहुंचे, लेकिन यहां भी डॉक्टरों ने अधिक रकतस्राव होने के कारण रीना को हायर सेंटर रेफर कर दिया।
ग्रामीण राजेंद्र सिंह चौहान, संजय, पप्पू, रघुवीर, सुरेंद्र आदि का कहना है कि सड़क निर्माण को लेकर वह कई बार विभागीय अधिकारियों से गुहार लगा चुके हैं लेकिन कोई सुनवाई नहीं होती।