उत्तराखंड रोडवेज बस और कार की भीषण टक्कर,एक साल के मासूम को छोड़कर सात लोगों की दर्दनाक मौत

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पीलीभीत: सावन मास में पूर्णागिरि  स्थित मातारानी के दर्शन एवं मुरादें मांगने गए कस्बे के ममेरे व फुफरे भाइयों के दो परिवारों की खुशियां पल भर में ही छिन गईं। पीलीभीत-बरेली हाईवे मार्ग पर उत्तराखंड रोडवेज बस और कार में भीषण भिड़ंत में सात लोगों की मौत हो गई है। हादसे में एक साल के मासूम के सिवा कोई नही बचा है। शनिवार की सुबह जैसे ही शव घर पहुंचे तो परिवार में कोहराम मच गया। कस्बे के सैकड़ों लोग शोकाकुल परिवार को सांत्वना देने पहुंच गए। वहां मौजूद लोगों की आंखों में आंसू थे। शोक में कस्बे के बाजार बंद रहे। गमगीन माहौल में आंसुओं के सैलाब के साथ सातों शवों का अंतिम संस्कार कर दिया गया।

जानकारी के अनुसार कस्बे के मोहल्ला कुम्हारान निवासी पुनीत शर्मा उर्फ राजीव (34) पुत्र हरिओम शर्मा, अविवाहित छोटे भाई निशांत शर्मा उर्फ छोटू (25)के साथ एक निजी अस्पताल में काम करते थे। पुनीत शर्मा गुरुवार शाम करीब पांच बजे भाई छोटू, पत्नी सविता शर्मा (24) व एक साल की बेटी भक्ति के साथ आल्टो कार से पूर्णागिरि माता रानी के दर्शन के लिए निकले थे। कार में उनके साथ पड़ोस में ही रहने वाले फुफेरे भाई हीरू उर्फ हृदेश शर्मा (26) अपनी पत्नी पल्लवी (23), बेटी आराध्या (03) व बेटे उत्कर्ष (01) सवार थे। इनमें मासूम उत्कर्ष  को छोड़कर शेष सभी की मौत हो गई। चीख और पुकार पूरे कस्बे में थी। मृतकों के घर पर बिलखते परिजनों को ढांढस बंधाने को दिनभर भीड़ लगी रही।

बता दें कि पुनीत के भाई छोटू उर्फ निशांत का करीब तीन महीने पहले अलीगढ़ में रिश्ता पक्का हो चुका था। नवंबर में शादी होनी थी, लेकिन हादसे ने सारे सपने चकनाचूर कर दिए। पुनीत व निशांत और उनके पिता हरिओम कस्बे के एक निजी अस्पताल में कार चालक की नौकरी करते थे। वहीं हादसे में घायल मासूम उत्कृष को बेसुध हालत में जिला अस्पताल में लाया गया था। कुछ देर उपचार के बाद मासूम को होश आ गया। फिर क्या, उत्कृष ने रोना शुरू कर दिया। उसकी देखभाल कर रही नर्स उसे चुप कराने का भरसक प्रयास करती रही, लेकिन वह चुप नहीं हो रहा। रह रहकर उसकी निगाहें अपने माता पिता और बहन को तलाश रही हैं।

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