उत्तराखंड नवनिर्माण सेना ने अल्परोज़गार के लिए चलाया हस्ताक्षर अभियान

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देहरादूनः उत्तराखंड नवनिर्माण सेना द्वारा प्रदेश में व्याप्त अल्परोज़गार के लिए हस्ताक्षर अभियान चलाया गया। उन्होंने कहा कि प्रदेश मैं शिक्षित बेरोजगारी दर लगभग 17% के आसपास तथा अस्थाई राजधानी देहरादून मैं यह 30% के आसपास पहुंच चुकी है , जो की चिंतन करने योग्य है। प्रदेश के युवाओं को रोज़गार चाहिये, लेकिन प्रदेश सरकार शराब से समाज को संचित करने के प्रयास कर रह है।आज सरकार ही युवाओं भविष्य को सुरक्षित करने हेतु रोज़गार का सृजन करने में असमर्थ तो आमजनता प्रश्न किससे करें ?

इस अवसर पर उन्होंने कहा कि संसाधनों से युक्त और चारधामों की स्थली देवभूमि आज रोजी रोटी तथा रोज़गार जैसी मूलभूत अधिकारों से वंचित है। आज प्रदेश अल्परोज़गार जैसी ज्वलंत समस्या से जूझ रहा है ,जिसका समाधान पिछले 18 वर्षों में प्रदेश की सरकारें अब तक नहीं तलाश सकीं। बेरोजगारी के समाधान संवादों में तो नजर आ रहे हैं किंतु जमीनी स्तर पर लाखों शिक्षित युवाओं की फ़ौज नजर आती हैं।प्रदेश की अगर किसी चुनावी रैली को गौर से देखें तो हमें आप लाखों की संख्या मे पायेंगें ।प्रदेश मैं शिक्षित बेरोजगारी दर लगभग 17% के आसपास तथा अस्थाई राजधानी देहरादून मैं यह 30% के आसपास पहुंच चुकी है , जो की चिंतन करने योग्य है ।प्रदेश के युवाओं को रोज़गार चाहिये, लेकिन प्रदेश सरकार शराब से समाज को संचित करने के प्रयास कर रह है। इसी चिंताजनक विषय पर आज उत्तराखंड नवनिर्माण सेना हस्ताक्षर अभियान के तहत कई मांगों को उठाया।

  • प्रदेश के समस्त प्राइवेट सेक्टर, कॉलेज, स्कूल, होटल, मॉल, अस्पताल तथा हर वो स्थान जहाँ रोज़गार का सृजन हो रहा है, वहां 80 प्रतिशत कार्य प्रदेश के युवाओं के लिए आरक्षित किया जाए।
  • त्वरित कार्यवाही करते हुए प्रदेश के समस्त विभागों में सभी रिक्त पदों को भरा जाय  संविधान ने देश के प्रत्येक व्यक्ति को गरिमा पूर्ण जीवन जीने के अधिकार दिया तथा उसके लिए आवश्यक संसाधन पैदा करने की जिम्मेदारी सरकार को दी। किन्तु आज के समय में सरकार रोज़गार का सृजन करने में असमर्थ है, अतः रोज़गार को मौलिक अधिकार बनाया जाय तथा जब तक रोज़गार का कोई भी माध्यम बेरोजगारों को ना मिले तब तक ३००० महीना बेरोजगारी मुआवजा राशि प्रदान की जाय।
  • सभी नोकरियों की भर्ती में पारदर्शिता के लिए एक स्थायी जांच एजेंसी का गठन हो।किसी भी तरह की भर्ती के लिए विज्ञप्ति से नियक्ति तक कि समय सीमा तय हो तथा उक्त समय में इसे पूरा ना करने वाले संबंधित विभाग पर दंडात्मक कार्यवाही हो।
  • मनरेगा के माध्यम से 180 दिन का कार्य सुनिश्चित हो तथा मनरेगा में व्याप्त भृस्टाचार की समाप्ति हेतु समीक्षा कर कदम उठाए जाएं तथा न्यूनतम मजदूरी सुश्चित की जाये।
  • सभी प्रकार के नौकरियों के भर्ती के आवेदन शुल्क न्यूनतम किये जाए।
  • स्किल्स को बढ़ावा देने के लिए कॉलेज तथा स्कूल स्तर पर स्किल्स से जुड़े कोर्स को सम्मलित किया जाय तथा कॉलेज स्तर पर इंटर्नशिप हर विद्यार्थी के लिए कंपल्सरी की जाए।
  • संविदा व्यवस्था समाप्त की जाय तथा संविदा पर कार्य करने समस्त कमर्चारियों को नियमित या स्थाई किया जाए।

कार्यक्रम में राजेश चमोली,विलास गौड़, सुशील कुमार, सतीश सकलानी, आशीष नौटियाल, सुनंदा थापा,अनिल बलूनी, विजय बोडाई,दीपक गैरोला,बिजेंद्र बिष्ट, चरण सिंह,रहमान खान , वीरपाल, सुनीता क्षेत्री,राजेश कुमार सहित कई कार्यकर्ताओं ने प्रतिभाग किया।

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