देहरादून। मदरसों में मुस्लिम लड़कियों के साथ हो रहे यौन उत्पीड़न को रोकने के लिए मदरसों की जांच की मांग उठने लगी है। ग्रामीण विकास समिति ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत सूबे के मुख्यमंत्री को पत्र के जरिये जांच की मांग की है।
राजधानी दून में बृहस्पतिवार को ग्रामीण विकास समिति के अध्यक्ष कुंवर सिंह ने प्रेस वार्ता कर बताया कि लखनऊ के यासीजंग स्थित मदरसा जामिया ख़दीजातुल कुबरा लिलबनात में मुस्लिम महिलाओं के साथ यौन उत्पीड़न का सनसनी खेज मामला सामने आया था। जिसमे 51 मुस्लिम छात्राओं ने मदरसा संचालक तयब जिया पर आरोप लगाया है कि वह छात्राओं के साथ मदरसे में अश्लील हरकते और यौन उत्पीड़न कर रहा है। हालांकि पुलिस ने आरोपी युवक को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था।
कुंवर ने कहा कि प्रदेश के हरिद्वार, उधमसिंघ नगर, देहरादून और पौड़ी जिलों में भी कई मदरसों का संचालन किया जा रहा है। जिसमें प्रदेश और बाहर की मुस्लिम छात्र-छात्राएं तालीम ले रहे है जिनकी जांच करना बेहद आवश्यक हो गया है। साथ ही उन्होंने कहा कि लोकलाज और जानमाल के डर से सामने नहीं आती है, जिसके लिए राज्य की सरकार को गंभीरता से इस विषय में सोचना होगा।
कुंवर ने कहा कि जिस तरह केंद्र सरकार ने तीन तलाक बिल ला कर मुस्लिम महिलाओं को सुरक्षित महसूस कराया है उसी तरह यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मदरसों की कारवाही को ऑनलाइन करके अपनी पैनी नजर बनाये हुए है। साथ ही उन्होंने कहा कि अब सूबे की सरकार को मदरसों में होने वाली गतिविधियों पर निगरानी कर मुस्लिम महिलाओं को महफूज रखने का काम करना चाहिए।
वहीँ उत्तराखंड मदरसा बोर्ड के अध्यक्ष मौलाना जाहिद राजा ने हैलो उत्तराखंड न्यूज़ से बात करते हुए कहा कि छात्रों की सुरक्षा के लिए राज्य के सभी मदरसों के साथ स्कूलों, कॉलेजों की भी जांच होनी चाहिए। साथ ही उन्होंने कहा कि प्रदेश भर में महिलाओं की सुरक्षा से जुड़े सरकार के हर फैसले का मदरसा बोर्ड स्वागत करता है।