देहरादून: उत्तराखंड का बीसीसीआई की मान्यता के लिए किया जा रहा संघर्ष 19 साल के इंतज़ार बाद आखिरकार खत्म हो गया है। बीसीसीआई की सीओए (क्रिकेट प्रशासक समिति) ने क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ उत्तराखंड (सीएयू) को प्रदेश में क्रिकेट संचालन के लिए पूर्ण मान्यता दे दी है। जिससे प्रदेश के खिलाड़ियों और क्रिकेट प्रेमियों में खुशी की लहर है।इस फैसले के बाद उत्तराखंड के क्रिकेट के लिए 13 अगस्त का दिन ऐतिहासिक हो गया है।
बता दे कि मंगलवार को दिल्ली में उत्तराखंड की मान्यता मसले पर हुई सीओए की निर्णायक बैठक में अध्यक्ष विनोद राय की मौजूदगी में सीएयू की मान्यता पर मुहर लगाई गई। विनोद राय की ओर से मंगलवार शाम को सीएयू को ई-मेल के माध्यम से मान्यता मिलने की जानकारी दी गई। इसमें बताया कि स्थानीय क्रिकेट में योगदान व ग्राउंड समेत अन्य सुविधाओं संबंधी दस्तावेजों के आधार पर सीएयू के दावे को मजबूत माना है। अब सितंबर माह से शुरू हो रहे घरेलू टूर्नामेंट में सीएयू ही क्रिकेट संचालन का जिम्मेदारी संभालेगी।
पिछले 19 वर्षों से राज्य की चार क्रिकेट एसोसिएशन के बीच आपसी विवाद के चलते मान्यता पर फैसला नहीं हो पा रहा था। राज्य के कई प्रतिभावान खिलाड़ियों को इसका नुकसान झेलना पड़ा। वहीं, कई प्रतिभावान खिलाड़ियों ने पलायन कर दूसरे राज्यों का रूख कर लिया। अब राज्य को पूर्ण मान्यता मिलने के बाद प्रदेश की प्रतिभाओं को बीसीसीआई की प्रतियोगिताओं में उत्तराखंड के नाम से खेलने का मौका मिलेगा।
मीडिया से बात करते हुए खेल मंत्री अरविंद पांडेय ने कहा कि ये दिन उत्तराखंड क्रिकेट के लिए बेहद खुशी का दिन है। मैंने बीसीसीआइ में किसी एसोसिएशन की पैरवी नहीं की। मैंने सिर्फ राज्य के खिलाड़ियों की पैरवी की है। मैं इसके लिए राज्य के हर एक खिलाड़ी को बधाई देता हूं। मैं बीसीसीआइ को धन्यवाद देता हूं और खुद दिल्ली जाकर सीओए अध्यक्ष विनोद राय का आभार प्रकट करूंगा।