देहरादून: उत्तराखंड में मानूसन पहुंचने में भले ही अभी वक्त हो, लेकिन इससे पहले ही मौसम ने अपने तेवर दिखाने शुरू कर दिए हैं। मौसम लोगों को डराने भी लगा है। शुक्रवार को दोपहर बाद उत्तराखंड में तीन जगहों पर बादल की घटनाएं हुई, जिससे भारी नुकसान हुआ। टिहरी, उत्तरकाशी, पौड़ी और नैनीताल जिलों में बादल फटने से नदी-नाले उफान पर आ गए। उत्तरकाशी के गंगटाड़ी में उफनाए नाले में तीन लोग बह गए, जिनमें से दो को ग्रामीणों ने बचा लिया, जबकि एक बालिका का शव आज सुबह पाॅवर हाउस की नहर के मुहाने पर अटका मिला।
भारी बारिश और बादल फटने के कारण खेत मलबे से पट गए और कई घरों में पानी घुस गया। पैदल मार्ग बहने से गांवों का संपर्क कट गया है। चमोली जिले में बारिश के दौरान मलबा आने से बदरीनाथ हाईवे मलबा आने से आठ घंटे बंद रहा।
शुक्रवार को उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों में सुबह से ही मौसम मिजाज तल्ख रहा। टिहरी के भिलंगना क्षेत्र में बादल फटने से बरसाती नदी-नाले उफना गए। पौड़ी के थलीसैंण क्षेत्र में दो गोशाला बह गईं। इसमें चार मवेशियों की मौत की बात सामने आई है। उत्तरकाशी जिले में यमुनोत्री के प्रमुख पड़ाव बड़कोट के पास गंगटाड़ी में उफनती बरसाती नदी को पार करते हुए माता-पिता और आठ साल की बच्ची बह गई, माता-पिता को बचा लिया गया। आठ वर्षीय सावित्री पुत्री रामसिंह का शव 17 घंटे बाद रेस्क्यू टीम ने गंगटाडी से नाले से बरामद कर लिया।
उत्तराखंड में मौसम के तेवर फिलहाल बदले ही नजर आएंगे। मौसम विभाग ने इसके लिए चेतावनी जारी की है। राज्य मौसम केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह के अनुसार इस दौरान देहरादून, ऊधमसिंह नगर, हरिद्वार और पौड़ी गढ़वाल में 70 से 80 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से हवाएं चलेंगी। उन्होंने कहा कि पर्वतीय क्षेत्रों में बारिश और ओलावृष्टि हो सकती है।