थत्युड: जौनपुर विकासखंड के छन्नाण गांव के अंतर्गत अगलाड नदी को स्थानीय लोग व स्कूली छात्र-छात्राएं जान हथेली पर रखकर पार करने को मजबूर हैं। नदी पर स्थानीय ग्रामीणों द्वारा स्वयं के संसाधनों से लकड़ी का पुल तैयार कर नदी पार करने को विवश है। जहां पर आधा दर्जन गांव के लोग इस मार्ग से गुजरते हैं, वही पुल न होने से लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
बरसात के समय में अगलाड नदी इतनी उफान पर रहती है, कि नदी पार कर पाना बहुत मुश्किल हो जाता है। 5 से 7 किलोमीटर की दूरी तय कर थत्युड बाजार तक छात्र-छात्राएं स्कूल तक पहुंचते हैं, जिससे उनको स्कूल तक पहुंचने में देरी और स्थानीय लोगों के काम अधूरे रह जाते हैं।
स्थानीय लोगों ने शासन प्रशासन से मांग की है कि जल्द से जल्द यहां पर पुल अथवा कोई वैकल्पिक व्यवस्था की जाए, ताकि लोगों का आवागमन सुचारू रूप से चल सके और नदी को पार करने में आ रही दिक्कतों से निजात मिले।
आपको बता दें कि 2013 में आई भीषण आपदा से अगलाड नदी इतनी उफान पर थी, जिसके सामने किसी भी पुलिया का टिक पाना मुश्किल था। नदी का बहाव इतना तीव्र था कि बड़ी-बड़ी चट्टान, खेत व मिट्टी से नदी ने अपना रुख पुल के दूसरी तरफ बदल लिया। जिससे नदी एक तरफ और पुल दूसरी तरफ रह गया, जिससे तब से लेकर अब तक 8 साल पूरे हो चुके हैं। समस्या जस की तस बनी हुई है।
वही लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता रजनीश कुमार का कहना है कि विभाग द्वारा शासन को इस विषय पर लगभग 3 लाख का स्टीमेट भेजा गया था, जोकि अब तक स्वीकृत नहीं हो पाया है। उम्मीद है कि 10 मार्च के बाद इस विषय पर कोई कार्रवाई की जा सकती है।