देहरादून: राज्यों में स्वास्थ्य का हाल बताने वाली नीति आयोग की हेल्थ इंडेक्स (स्वास्थ्य सूचकांक) में उत्तराखंड को देशभर में 15वां स्थान मिला है। राज्य में स्वास्थ्य सूचकांक में सुधार की अपेक्षा गिरावट दर्ज की गई है। उत्तराखंड में मातृ-शिशु दर भी कम होने के बजाय बढ़ी है। इस सूचकांक में केरल देश में सर्वश्रेष्ठ, जबकि उत्तर प्रदेश सबसे फिसड्डी राज्य है। स्वास्थ्य व्यवस्था की हकीकत बयां करने वाले इस सूचकांक पर यूपी का प्रदर्शन झारखंड, उड़ीसा और बिहार से भी बदतर है। झारखंड प्रदर्शन तेजी से सुधारने के मामले में सबसे आगे है। केंद्र शासित क्षेत्रों में राजधानी दिल्ली हेल्थ इंडेक्स पर तीसरे नंबर पर है। इस इंडेक्स में प्रदर्शन के आधार पर सरकार राज्यों को विशेष अनुदान देगी। हेल्दी स्टेट्स, प्रोग्रेसिव इंडिया नीति आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अमिताभ कांत ने शुक्रवार को हेल्दी स्टेट्स, प्रोग्रेसिव इंडिया शीर्षक वाली रिपोर्ट जारी की जिसमें स्वास्थ्य सूचकांक पर राज्यों की यह रैंकिंग दी गयी है। नीति आयोग में एडवाइजर और वरिष्ठ आइएएस अधिकारी आलोक कुमार के नेतृत्व में आयोग के अधिकारियों के दल ने विश्व बैंक, केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों तथा विशेषज्ञों की मदद से इस इंडेक्स को तैयार किया है। इंडेक्स नवजात मृत्यु दर और मैटरनल मॉर्टिलिटी रेट जैसे स्वास्थ्य संकेतकों के वर्ष 2015-16 के आंकड़ों के आधार पर बनायी गयी है। इसमें 21 बड़े राज्यों के साथ ही आठ छोटे राज्यों और सात केंद्र शासित प्रदेशों को तीन श्रेणियों में बांटा गया था।
हेल्थ इंडेक्स
केरल-1, पंजाब-2, तमिलनाडु-3, गुजरात-4, हिमाचल प्रदेश-5, महाराष्ट्र-6, जम्मू कमश्मीर-7, आंध्र प्रदेश-8, कर्नाटक-9, पश्चिम बंगाल-10, तेलंगाना-11, छत्तीसगढ़-12, हरियाणा-13, झारखंड-14, उत्तराखंड-15, असम-16, मध्यम प्रदेश-17, उड़ीसा-18, बिहार-19, राजस्थान-20, उत्तर प्रदेश-21.