नैनीताल: उत्तराखंड हाई कोर्ट ने सच्चिदानंद डबराल मामले में आगे की सुनवाई करते हुए आईसीएमआर से पूछा है कि क्या उत्तराखंड बॉर्डर पर जो लोग बाहर से आ रहे हैं, उनका रैपिड टेस्ट किया जा सकता है।
आप को बता दें कि कोर्ट ने यह कहा था कि जो थर्मल स्क्रीनिंग की जा रही है वह माकूल नहीं है। क्योंकि सिर्फ थर्मल स्क्रीनिंग से आप कोविद सेंटम का पता नहीं लगा सकते। और यदि कोविद उत्तराखंड के गांव तक पहुंचेगा तो हालात बहुत बदतर हो जाएगी। इसलिए बॉर्डर पर बाहर से आने वाले लोगों का रैपिड टेस्ट होना चाहिए। कोर्ट ने इस मामले की अब अगली सुनवाई 18 मई को है।
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हाईकोर्ट में सचिदानंद डबराल नेे जनहित याचिका दायर कर लॉकडाउन से प्रभावित लोगों की मदद करने की मांग की थी।इससे पहले कोर्ट ने प्रवासियों को लेकर केंद्र और राज्य सरकार से पूछा था कि क्या बाहरी लोगों की बॉर्डर पर ही थर्मल, रैपिड और एंटीजन टेस्ट की व्यवस्था जा सकती है या नही।
मामले की सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया एवं न्यायमूर्ति रविंद्र मैठाणी की खंडपीठ ने इस मामले की अब अगली सुनवाई 18 मई को रखी है। भारत सरकार की तरफ से इस मामले की पैरवी असिस्टेंट सॉलिसिटर जनरल राकेश थपलियाल व स्टैंडिंग काउंसल वी के कपरवां कर रहे थे।
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सुने इस मामले को लेकर क्या कुछ कहना है स्टैंडिंग काउंसल वी के कपरवां का।