Uttarakhand: साइबर क्राईम (cyber crime) पुलिस द्वारा बिजली का बिल जमा कराने के नाम पर 10 लाख की धोखाधडी करने वाले गिरोह का एक सदस्य राजस्थान से गिरफ्तार
देहरादून: साईबर थाना देहरादून/STF द्वारा एक बहुत बड़े शातिर साईबर अपराधी को गिरफ्तार किया गया है जिससे चूरू राजस्थान से पूरे भारत में विभिन्न लोगों के साथ क्रैडिट कार्ड के माध्यम से धोखाधड़ी करने के तरीके को पर्दाफाश किया गया है । सबूतो के आधार पर भविष्य में ऐसे गिरोह पर गैंगस्टर की कार्यवाही भी अमल में लायी जा सकती है।
वर्तमान में साइबर अपराधी आम जनता की गाढ़ी कमाई हड़पने हेतु अपराध के नये-नये तरीके अपनाकर धोखाधड़ी कर रहे है। इसी परिपेक्ष्य में ठगों द्वारा बिजली का बिल जमा के नाम पर लिंक भेज कर लाखों रुपये की धोखाधडी की जा रही है ।
इसी क्रम में एक प्रकरण साइबर क्राईम (cyber crime) पुलिस स्टेशन को प्राप्त हुआ जिसमें शिकायतकर्ता रविकान्त उपाध्याय के साथ अज्ञात अभियुक्तो द्वारा स्वंय को बिजली विभाग से बताते हुए शिकायतकर्ता से विभिन्न नम्बरों से सम्पर्क कर बिजली का बिल जमा न होने की बात कहकर शिकायतकर्ता से QUICK SUPPORT एप डाउनलोड करवाकर लिंक भेजकर निजि जानकारी प्राप्त कर खाते से 9,93,994/- रुपये की धनराशि प्राप्त करने सम्बन्धी शिकायत के आधार पर साइबर क्राईम पुलिस स्टेशन देहरादून में धारा 420 भादवि व 66(डी) आईटी एक्ट का अभियोग पंजीकृत किया गया तथा विवेचना साइबर थाने के निरीक्षक श्री देवेन्द्र नबियाल के सुपुर्द की गयी।
पुलिस टीम द्वारा अथक मेहनत एवं प्रयास से अभियुक्तो द्वारा वादी मुकदमा को जो खाता संख्या व मोबाईल नम्बर दिये थे व धोखाधडी से प्राप्त की गयी धनराशि फर्जी आईडी पर खोले गये बैक खातो में प्राप्त की गयी थी, उक्त खातों के खाताधारक की जानकारी प्राप्त की गयी व उक्त खाते का खाताधारक के सम्बन्ध में साक्ष्य एकत्रित करते हुये अभियुक्त प्रभु राम खीचड़ पुत्र रणजीत निवासी ग्राम छाजूसर थाना रतननगर जनपद चुरु राजस्थान को मय मोबाइल फोन (वीवो) तथा 01 क्रेडिट कार्ड (SBI) के गिरफ्तार किया गया।
अभियुक्तगणों द्वारा वादी मुकदमा को विभिन्न नम्बरों से कॉल कर स्वंय को बिजली विभाग का अधिकारी बताते हुए बिजली का बिल भुगतान न होने पर कनैक्शन कटने की बात कहते हुए मोबाईल पर लिंक भेजकर QUICK SUPPORT एप डाउनलोड करवाकर 10 रुपये का पेमेन्ट रिचार्ज कराना व फोन का Access प्राप्त कर बैंक खाते को खाली किया गया। गठित पुलिस टीम में उप निरीक्षक राजीव सेमवाल, अपर उप निरीक्षक सुरेश कुमार, कांस्टेबल नितिन रमोला व कांस्टेबल शादाब अली शामिल थे।
आयुष अग्रवाल वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एस0टी0एफ0 उत्तराखण्ड द्वारा जनता से अपील की है कि वे किसी भी प्रकार के लोक लुभावने अवसरो/फर्जी साइट/धनराशि दोगुना करने व ऑनलाईन बिजली के बिल का भुगतान करने वाले व्यक्तियों से सावधान रहें। किसी भी प्रकार के ऑनलाईन भुगतान करने से पूर्व उक्त साईट का पूर्ण वैरीफिकेशन स्थानीय बैंक, सम्बन्धित कम्पनी आदि से भलीं भांति इसकी जांच पड़ताल अवश्य करा लें तथा गूगल से किसी भी कस्टमर केयर नम्बर सर्च न करें। कोई भी शक होने पर तत्काल निकटतम पुलिस स्टेशन या साइबर क्राईम पुलिस स्टेशन को सम्पर्क करें। वित्तीय साईबर अपराध घटित होने पर तुरन्त 1930 नम्बर पर सम्पर्क करें।