देहरादून। उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय का विवादों से गहरा नाता रहा है। विश्वविद्यालय प्रबंधन से जुड़े अधिकारियों पर कभी भ्रष्टाचार के आरोप लगे तो कभी विश्वविद्यालय में अव्यवस्थाओं के चलते कैंपस चर्चाओं में रहा। इस बार मामला आयुर्वेद यूजी काउंसलिंग से जुड़ा है।
दरअसल विश्वविद्यालय में 19 से 25 सितंबर के बीच आयुष यूजी का मॉपअप राउंड आयोजित हुआ। इसमें एक दिन पहले ही 24 सितंबर को सीट का आवंटन कर दिया गया। इन सीटों में 11 आरक्षित श्रेणी की सीटों से सामान्य में कन्वर्ट हुई सीटें भी शामिल थीं। बताया गया कि इन 11 सीटों पर आवंटन मिलने के बाद जब अभिभावक और छात्र इसको लेकर अलॉटमेंट लेटर लेने पहुंचे तो दिनभर इंतजार करने के बावजूद भी नहीं लेटर नहीं दिया गया।
विश्वविद्यालय प्रबंधन की तरफ से कहा गया कि निजी कॉलेजों में सीटें रिक्त रहने के कारण इन 11 सीटों को एक बार फिर आरक्षित कोटे में शामिल कर फिर से काउंसलिंग करवाई जाएगी। प्रबंधन के इस फैसले के बाद छात्रों और अभिभावकों ने हंगामा शुरू कर दिया। इसके बाद विश्वविद्यालय के कुलपति डॉक्टर सुनील जोशी कैंपस में पहुंचे और काउंसलिंग बोर्ड के सदस्यों से बातचीत करने के बाद इन सभी छात्रों को सीट अलॉटमेंट का लेटर दे दिया गया, तब जाकर कहीं मामला शांत हुआ।