देहरादून: वर्तमान में साइबर अपराधी आम जनता की गाढ़ी कमाई हड़पने हेतु अपराध के नये-नये तरीके अपनाकर धोखाधड़ी कर रहे है। इसी परिप्रेक्ष्य में ठगों द्वारा विभिन्न आँनलाईन सर्च इंजन पर फर्जी मोबाइल नम्बर डालकर आम जनता से ई-मेल व दूरभाष के माध्यम से सम्पर्क कर फर्जी वेबसाइट के माध्यम से ऑनलाईन सामान बेचने के नाम पर करोड़ों रुपये की धोखाधड़ी की जा रही है ।
इसी क्रम में एक प्रकरण साइबर क्राईम पुलिस स्टेशन को प्राप्त हुआ था जिसमें अन्जू केन पत्नी बृजेश केन निवासी लेन नं. 13 एकता विहार सहस्त्रधारा रोड देहरादून के साथ इसी प्रकार की घटना घटित हुई जिसमें अज्ञात व्यक्ति द्वारा PNB कस्टमर केयर अधिकारी बताकर शिकायतकर्ता को ऑनलाईन लिंक भेजकर बैंक खाते से लगभग 15 लाख रुपये की धोखाधडी किये जाने की शिकायत के आधार पर साइबर क्राईम पुलिस स्टेशन देहरादून पर धारा 420 व 66 डी आईटी एक्ट का अभियोग पंजीकृत किया गया तथा विवेचना साइबर थाने के निरीक्षक पंकज पोखरियाल के सुपुर्द कर विवेचक के नेतृत्व में टीम का गठन किया गया।
पुलिस टीम द्वारा अथक मेहनत एवं प्रयास से अभियुक्तों द्वारा वादी मुकदमा से धोखाधड़ी से प्राप्त की गयी धनराशि के सम्बन्ध में जानकारी प्राप्त की गयी जिसमे अभियुक्तों द्वारा उक्त धनराशि गुजरात, पश्चिम बंगाल, राजस्थान, दिल्ली आदि स्थानों में आहरित होना प्रकाश में आया। अभियुक्तों द्वारा फर्जी आईडी कार्ड के आधार पर मोबाईल नम्बरों का प्रयोग कर अपराध कारित किया गया। प्रकरण में अपराधियों की गिरफ्तारी हेतु निरीक्षक पंकज पोखरियाल के नेतृत्व में टीमें गठित कर गुजरात, पश्चिम बंगाल, राजस्थान, दिल्ली आदि राज्यों हेतु रवाना की गयी थी, जिनके द्वारा उक्त धोखाधड़ी करने वाले गिरोह के 02 सदस्यों ठाकुर, शैलेश पुत्र चमनजी निवासी रुगनाथपुर, हारिज, पाटन गुजरात व ठाकुर दयमाजी उर्फ दयाजी पुत्र बाबूजी निवासी बड़गाम जनपद पालमपुर गुजरात को हारिज, पाटन गुजरात राज्य से गिरफ्तार किया गया। अभियुक्तों का स्थानीय न्यायालय से ट्रांजिट रिमाण्ड प्राप्त कर उत्तराखण्ड लाया जा रहा है।
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अभियुक्तगणों से पूछताछ में यह तथ्य प्रकाश में आये कि गिरफ्तारशुदा अभियुक्तों में से 01 अभियुक्त खाते खुलवाकर आगे गिरोह के अन्य सदस्यों को भेजता था जिसके वह 2000 रुपये लेता था तथा OTP बताने के 500 से 1000/- रुपये प्राप्त करता था। इसके अतिरिक्त दूसरा अन्य अभियुक्त खाताधारक है, जिसे भी खाते में हुये लेनदेन का कमीशन प्राप्त होता था। अभियुक्तगणों से 02 मोबाइल फोन व 03 सिम कार्ड बरामद हुये हैं, जिनमें अभियोग से सम्बन्धित Payment Detail एवं महत्वपूर्ण Chatting मौजूद है।
अपराध का तरीका;
अभियुक्तगण आम जनता से ठगी करने हेतु विभिन्न कम्पनियों/बैंक आदि के फर्जी कस्टमर केयर नम्बर को गूगल प्लेटफार्म पर प्रसारित कर आम जनता को झांसे में लेकर विभिन्न कम्पनियों/बैंक के कस्टमर केयर अधिकारी/कर्मचारी बनकर समस्या के समाधान हेतु लिंक भेजकर/एप डाउनलोड कराकर बैंक/एटीएम डिटेल प्राप्त कर ठगी का शिकार बनाते हैं। गठित पुलिस टीम में निरीक्षक पंकज पोखरियाल, उप निरीक्षक राजीव सेमवाल, हेड कांस्टेबल सुरेश कुमार व एसटीएफ टीम उत्तराखण्ड शामिल थे।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एस0टी0एफ0 उत्तराखण्ड द्वारा जनता से अपील की गई है कि कृपया गूगल या अन्य किसी सर्च इंजन पर किसी कम्पनी/बैंक का कस्टमर केयर नम्बर न ढूंढें। कस्टमर केयर का नम्बर सम्बन्धित कम्पनी/ बैंक की अधिकारिक वैबसाईट से ही देखें। किसी अंजान व्यक्ति के बहकावे मे आकर Any Desk, Quick Support, Alpmix, Quick Solution, Team Viewer आदि Remote Access app डाउनलोड न करें। कस्टमर केयर से बताकर फोन करने वाले व्यक्ति की बातो में न आये और न ही उसे अपने वॉलेट/बैंक सम्बन्धी कोई जानकारी साझा करें। कोई भी शक होने पर तत्काल निकटतम पुलिस स्टेशन या साइबर क्राईम पुलिस स्टेशन देहरादून को सम्पर्क करें व कोई भी आर्थिक साईबर अपराध होने पर तत्काल साईबर हैल्पलाईन नम्बर 155260 पर सम्पर्क करें।*