देहरादून: मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने बुधवार को मुख्यमंत्री आवास स्थित जनता दर्शन हॉल में अटल आयुष्मान उत्तराखण्ड योजना की प्रथम वर्षगांठ समारोह में प्रतिभाग किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने भारत के पूर्व प्रधानमंत्री एवं भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी के चित्र पर श्रद्धासुमन अर्पित किये। मुख्यमंत्री ने अटल आयुष्मान उत्तराखण्ड योजना के तहत सराहनीय कार्य करने वाले सरकारी एवं निजी अस्पतालों के प्रतिनिधियों को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया। इनमें एम्स ऋषिकेश, दून मेडिकल कॉलेज, सुशीला तिवारी राजकीय मेडिकल कॉलेज, स्वामीराम हिमालयन अस्पताल, महन्त इन्दिरेश अस्पताल, मेट्रो हॉस्पिटल एवं हार्ट इंस्ट्टीयूट हरिद्वार, उजाला हैल्थ केयर ऊधमसिंह नगर के प्रतिनिधि शामिल रहे। इस योजना के तहत अच्छा कार्य करने वाले आरोग्य मित्रों एवं आशा कोर्डिनेटर को भी सम्मानित किया गया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने इस योजना से लाभान्वित लोगों से बातचीत भी की।
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 23 सितम्बर 2018 को देश को विश्व की सबसे बड़ी स्वास्थ्य योजना ‘आयुष्मान भारत योजना’ दी। इस योजना से 10 करोड़ बीपीएल परिवार लाभान्वित हुए हैं। इससे प्रेरित होकर 25 दिसम्बर 2018 को प्रदेश में ‘अटल आयुष्मान उत्तराखण्ड योजना’ का शुभारम्भ किया गया। इस योजना से राज्य के सभी परिवारों को आच्छादित किया गया है। इस योजना के तहत प्रदेश में 01 करोड़ 10 लाख लोगों के गोल्डन कार्ड बनाने का लक्ष्य रखा गया है। योजना का मुख्य उद्देश्य प्रदेश के दूरस्थ क्षेत्रों तक लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराना है।
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि, प्रदेश में बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध हो, इसके लिए प्रत्येक जनपद में आईसीयू की शुरूआत की गई है। अभी तक आठ जनपदों में आईसीयू बन चुके हैं, शेष में एक वर्ष के अन्दर बनकर तैयार हो जायेंगे। पर्वतीय क्षेत्रों को दूरस्थ गांवों तक स्वास्थ्य के क्षेत्र में अनेक प्रकार की जांच की सुविधा हो, इसके लिए स्वास्थ्य विभाग को विशेष प्रयास करने होंगे। इस योजना को और अच्छी तरह से कैसे संचालित किया जाय, इसके लिए और अधिक प्रयासों की भी उन्होंने जरूरत बतायी, इस योजना से ऐसे लोगों को उपचार हेतु सुविधा मिली है, जो काफी सालों से धन के अभाव के कारण अपना ईलाज नहीं करा पा रहे थे।
अटल आयुष्मान उत्तराखण्ड योजना के चेयरमेन डी.के कोटिया ने कहा कि उत्तराखण्ड देश का पहला राज्य है, जहां प्रत्येक परिवार को प्रतिवर्ष 05 लाख रूपये तक की निःशुल्क स्वास्थ्य सुविधा उपलबध कराई जा रही है। अटल आयुष्मान योजना स्वास्थ्य के क्षेत्र में पर्वतीय क्षेत्रों के लिए वरदान साबित हुई है। अभी तक इस योजना के तहत 34 लाख 70 हजार गोल्डन कार्ड बनाये जा चुके हैं। सबसे अधिक गोल्डन कार्ड बनाने में उत्तराखण्ड का केरल के बाद दूसरा स्थान है। इस योजना के तहत 175 अस्पताल सूचिबद्ध किये गये हैं। योजना के तहत उपचार कर रहे लाभार्थियों पर हुए खर्च का भुगतान एक सप्ताह के अन्दर किया जा रहा है। अगले छः माह में शत प्रतिशत गोल्डन कार्ड बन जायेंगे। इस योजना के तहत एक साल में 01 लाख 10 हजार से अधिक लोग निःशुल्क उपचार करा चुके हैं, जिसमें 105 करोड़ रूपये का खर्च हुआ है।
सचिव स्वास्थ्य नितेश झा ने कहा कि उत्तराखण्ड में ‘अटल आयुष्मान उत्तराखण्ड योजना’ से 14.50 लाख परिवार आच्छादित हैं। यह योजना 12 हजार से अधिक लाभार्थियों के लिए जीवन दायनी साबित हुई है। प्रदेश में स्वास्थ्य के क्षेत्र में सुधार के लिए अनेक प्रयास किये जा रहे हैं। हरिद्वार में 100 बैड के अस्पताल के लिए स्वीकृति मिली है।
इस अवसर पर विधायक हरवंश कपूर, विनोद चमोली, मेयर सुनील उनियाल गामा, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अध्यक्ष ज्ञान सिंह नेगी, महानिदेशक स्वास्थ्य अमिता उप्रेती आदि मौजूद रहे।