देहरादून: मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को शिक्षिका उत्तरा पंत बहुगुणा के साथ विवाद भारी पड़ता नजर आ रहा है। कांग्रेस और यूकेडी ने तो इस मामले में सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतर कर प्रदर्शन किया ही, जन संघर्ष मोर्चा के रघुनाथ सिंह नेगी और जिला पंचायत सदस्य सुभाष शर्मा ने भी मोर्चा खोल दिया है। सीएम पर चैतरफा हमले होने से पार्टी भी बैकफुट पर नजर आ रही है। पार्टी के नेता और प्रवक्ता सब गायब हो गए हैं। कोई भी इस मामले में बोलने को तैयार नहीं है।
जन संघर्ष मोर्चा के रघुनाथ सिंह नेगी ने सीएम की पत्नि सुनीता रावत पर सवाल खड़े किए हैं। उनका आरोप है कि सीएम की पत्नि ने 2010 और 2012 में 833 वर्ग मीटर भूमि खरीदी, लेकिन इसके लिए उन्होंने विभाग की अनुमति नहीं ली, जबकि उनको सेवा नियमावली के तहत विभाग की अनुमति लेनी चाहिए थी। उन्होंने सवालिया अंदाज में कहा कि क्या यह अनुशासनहीनता नहीं है? क्या सीएम की पत्नि को सस्पेंड नहीं किया जाना चाहिए?
दूसरी ओर जिला पंचायत सदस्य सुभाष शर्मा ने प्रेस क्लब में प्रेस वार्ता कर सरकार पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं। उन्होंने सीमएम की पत्नि की योग्यता पर भी सवाल खड़े किए। सुभाष शर्मा ने कहा कि सरकार मनमर्जी कर रही है। अपने चहेतों को लाभ पंहुचाने के लिए मंत्री और विधायक किसी भी हद तक जाने के लिए तैयार हैं।
उत्तरा पंत बहुगुणा को चैथरफा समर्थन मिलता देख, भाजपा पूरी तरह बैकफुट पर है। सूत्रों की मानें तो भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने पूरे मामले की रिपोर्ट तलब की है। उन्होंने मामले की रिपोर्ट मांगी है। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट दिल्ली गए हैं। बताया जा रहा है कि उनको कुछ दिन और वहां रहना था, लेकिन मामले की गंभीरता को देखते हुए वे भी आज शाम तक वापस लौट जाएंगे। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि भाजपा कितनी गंभीरता से इस पूरे मुद्दे को देख रही है। हर तरफ से डैमेज कंट्रोल के प्रयास किए जा रहे हैं। सियासी नफा-नुकसान भी देखा जा रहा है।