देहरादून: सोमवार को उत्तराखंड बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष ऊषा नेगी व सदस्य सीमा डोरा ने चिल्डर्न होम सोसाइटी भोगपुर का निरिक्षण किया। इस दौरान पता चला की अभिषेक रविदास कई दिन से बीमार चल रहा था। 14 तारीख को उसने हॉस्टल इंचार्ज को बीमारी के बारे मे सूचना दी और हॉस्टल इंचार्ज ने 16 तारीख को स्कूल डिस्पेंसरी मे दवाई के लिए भेजा। डिस्पेंसरी मे कोई डॉक्टर या चाइल्ड स्पेशलिस्ट नहीं होने और सामान्य उपचार नर्स द्वारा किये जाने पर अभिषेक की तबियत बिगड़ गई। 18 सितम्बर को अधिक तबियत बिगड़ने और निमोनिया बिगड़ जाने पर 19 सितम्बर को मौत हो गई।
उन्होंने कहा स्कूल द्वारा अब भी भोजन मे दिन मे केवल दाल चावल बच्चो को दिए जाते है, जो संभवता निमोनिया या बुखार मे नुकसान करते हैं। शाम को खाने मे एक सब्जी और सूखी रोटी दी जा रही है जो कि, सही पोषण नहीं कहा जा सकता। सोमवार को ही आज गर्ल हॉस्टल मे 02, बॉय हॉस्टल मे 03 लड़के बीमार मिले, जिन्हे मौके पर तहसीलदार रेखा आर्य को रविवार को एम्स ऋषिकेश इलाज कराने के आदेश दिए। साथ ही कब्रिस्तान का निरिक्षण किया, इस दौरान कब्रों पर दिवगंत लोगों के नाम पते दिनांक नदारद मिले, इस पर अध्यक्ष ने इन सब कमियों पर प्रबंधक और प्रिंसिपल, स्टाफ को जमकर लताड़ लगाई। साथ ही साथ ही मंगलवार को सोसाइटी के सचिव को आयोग मे उपस्थित होने के निर्देश दिए।