लखनऊ: उत्तर प्रदेश की राजधानी में लखनऊ में विवेक तिवारी हत्याकांड के बाद सूबे की राजधानी की कानून व्यवस्था को यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने अपने गृह जनपद यानि पौड़ी के कलानिधि नैथानी को सौंपी है। नैथानी भी उनकी उम्मीदों पर खरा उतर रहे हैं। वो हर रात शहर के थाने और कोतवाली का रियलिटी टेस्ट करने निकल पड़ते हैं। इसी सिलसिले में शनिवार को कुछ ऐसा हुआ, जिसकी वीडियो और तस्वरें सामने आने के बाद अब खूब चर्चा हो रही है। दरअसल, उन्होंने अलिगंज थाने के इंसपेक्टर को रात को ही चैराहे पर लाइन हाजिर कर दिया। इतना ही नहीं उनसे सीयूजी फोन ले लिया और बगैर सरकारी गाड़ी के पैदल ही पुलिस लाइन भेज दिया।
बताया जा रहा ह है कि एसएसपी नैथानी के बैचमेट के परिचित से रिश्वत मांगने की शिकायत पर एसएसपी ने लखनऊ के अलीगंज कोतवाली के प्रभारी निरीक्षक को शनिवार देर रात बीच सड़क पर 50 से ज्यादा पुलिस कर्मियों के सामने ही लाइनहाजिर कर दिया। एसएसपी ने प्रभारी निरीक्षक आनंद शुक्ला से गाड़ी और सीयूजी नंबर छीनते हुए पैदल ही कपूरथला से पुलिस लाइन जाने को कह दिया। जिस सिपाही पर रिश्वत मांगने का आरोप लगा था, उसे भी उसी समय लाइनहाजिर कर दिया गया। इसके अलावा एएसपी ट्रांसगोमती हरेंद्र कुमार सहित कई अफसरों को बीच सड़क पर कड़ी फटकार लगाई।
एसएसपी ने एसओ से कहा, आप लाइंस में जाकर आमद करवाइए। आरआई से बोलिए, आप लाइनहाजिर हो गए हैं। चीता पुलिस को इन्फॉर्म करके पैदल जाइए। जैसे भी जाइए पर यहां से तुरंत चले जाइए। थाने के मोबाइल से भी बात नहीं करनी है। राजधानी में बिगड़ती कानून व्यवस्था को देखते हुए एसएसपी कलानिधि नैथानी शनिवार देर रात थानों के औचक निरीक्षण के लिए निकले थे। इस दौरान कई चैकी इंचार्ज ड्यूटी से नदारद मिले। यह देख एसएसपी ने अलीगंज, महानगर और हसनगंज कोतवाली के प्रभारियों के साथ सभी निरीक्षकों, एसआई को कपूरथला चैराहे पर तलब कर लिया। सभी प्रभारियों से हाजिरी रजिस्टर दिखाने को कहा गया। नदारत पुलिस कर्मियों पर कार्रवाई के निर्देश दिए गए।
काबिल आॅफिसर हैं नैथानी
उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल के मूल निवासी कलानिधि नैथानी की मां देहरादून कॉलेज में प्रधानाचार्या और राष्ट्रपति पुरस्कार प्राप्त हैं। पिता गढ़वाल विश्वविद्यालय में प्रोफेसर और पत्नी इलाहाबाद में आयकर विभाग में ज्वाइंट कमिश्नर हैं। बड़े भाई सेना में लेफ्टीनेंट कर्नल हैं। नैथानी ने पौड़ी गढ़वाल से हाईस्कूल और मथुरा में आर्मी स्कूल से इंटरमीडिएट के बाद पंतनगर से बीटेक किया। हैदराबाद के उस्मानिया विवि के पुलिस प्रबंधन में एमबीए के बाद भामा एटॉमिक अनुसंधान केंद्र में वैज्ञानिक अधिकारी, भारत सरकार के सी डॉट सेंटर फॉर डवलपमेंट ऑफ टेलीमैटिक्स में पांच साल बंगलूरू और दिल्ली में अनुसंधान अभियंता भी रहे।
उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल के मूल निवासी कलानिधि नैथानी की मां देहरादून कॉलेज में प्रधानाचार्या और राष्ट्रपति पुरस्कार प्राप्त हैं। पिता गढ़वाल विश्वविद्यालय में प्रोफेसर और पत्नी इलाहाबाद में आयकर विभाग में ज्वाइंट कमिश्नर हैं। बड़े भाई सेना में लेफ्टीनेंट कर्नल हैं। नैथानी ने पौड़ी गढ़वाल से हाईस्कूल और मथुरा में आर्मी स्कूल से इंटरमीडिएट के बाद पंतनगर से बीटेक किया। हैदराबाद के उस्मानिया विवि के पुलिस प्रबंधन में एमबीए के बाद भामा एटॉमिक अनुसंधान केंद्र में वैज्ञानिक अधिकारी, भारत सरकार के सी डॉट सेंटर फॉर डवलपमेंट ऑफ टेलीमैटिक्स में पांच साल बंगलूरू और दिल्ली में अनुसंधान अभियंता भी रहे।