उन्नाव: उन्नाव दुष्कर्म पीड़िता की कार की रविवार को रायबरेली में एक ट्रक के साथ टक्कर हुई। जिन परिस्थितियों में यह टक्कर हुई है और जिस तरह से यह टक्कर हुई है वह कई सवाल खड़े कर रही है।एक्सीडेंट की सीबीआई जांच के लिए योगी आदित्यनाथ सरकार तैयार है।सरकार का कहना है कि अगर परिजन चाहते हैं तो हादसे की सीबीआई जांच कराई जा सकती है।वहीं आरोपी बीजेपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर के परिवारवाले उन्नाव के माखी गांव up से फरार हो गए । पीड़िता की बहन ने हादसे में विधायक और उसके आदमियों का नाम होने का आरोप लगाया है।
बता दें कि रविवार को हुए दर्दनाक हादसे में रेप पीड़िता की चाची की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि एक अन्य महिला ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। इस दुर्घटना में पीड़िता, उसके वकील समेत तीन लोग गंभीर रूप से जख्मी हो गए, जिनका लखनऊ के किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी में इलाज चल रहा है। जांच में सामने आया है कि यूपी 71 एटी 8300 यही नंबर प्लेट ट्रक के आगे और पीछे लगी है। मगर दोनों ओर उसे ग्रीस से पोता गया था, ताकि नंबर छिपा रहे। बड़ा सवाल यह कि ऐसा किन कारणों से किया गया था। क्या इसकी असल वजह आरटीओ की डर थी या किसी साजिश के तहत ऐसा किया गया था।
हादसे के समय दुष्कर्म पीड़िता की सुरक्षा में तैनात तीनों सिपाही नहीं थे, इसे लेकर भी सवाल उठ रहे हैं। हलांकि, लखनऊ जोन के एडीजी राजीव कृष्णा ने बताया कि प्रारंभिक जानकारी के मुताबिक पीड़ित परिवार ने खुद ही सुरक्षाकर्मी को साथ न आने के लिए कहा था, क्योंकि कार में जगह कम थी। हालांकि, प्रशासन के आदेशानुसार इन्हें हर हाल में पीड़िता के साथ मौजूद रहना चाहिए था। फिलहाल, इसकी भी जांच के निर्देश दे दिए गए हैं।पीड़िता और उसके परिवार को विधायक के खिलाफ दर्ज मुकदमा वापस लेने के लिए कथित तौर पर धमकाया जा रहा था। इसके चलते पीड़िता दिल्ली में रह रही थी। बीती 20 जुलाई को सीबीआइ को बयान देने गांव आई थी। रविवार को चाचा से मुलाकात के बाद वह दिल्ली लौटने वाली थी। ऐसे में यह हादसा साजिश लग रहा है।