नई दिल्ली: पेट्रोल-डीजल की कीमतें कम होने से जहां आम लोगों को मामूली राहत मिलेगी, इस पर राजनीति भी शुरू हो गई है। राजनीति दलों ने सरकार से सवाल किया है कि क्या ढाई रुपये की इस कमी से रोजाना बढ़ने वाले दामों पर रोक लग जाएगी। अगर तेल की कीमतें लगातर बढ़ती ही जाएंगी, फिर ऐसी कटौती का कोई लाभ नहीं है। जनता का फायदा तब होता, जब तेल की कीमतों का बढ़ना कम होता। इधर, उत्तराखंड सरकार भी तेल की कीमतों में दो रुपये तक की कमी करने का एलान कर सकती है। माना जा रहा है कि सरकार भी केंद्र की तर्ज पर दाम कम कर सकती है।
आप नेता संजय सिंह ने नई दिल्ली में पेट्रोल और डीजल पर केंद्र सरकार की तरफ से 2.5 रुपये की राहत मिलने के बाद बीजेपी शासित कई राज्यों ने भी तेल की कीमतों में कटौती की मांग की है। केंद्र सरकार ने कीमत में कटौती के बाद सभी राज्य सरकारों से भी कीमत में कटौती करने को कहा था। इसके बाद बीजेपी शासित उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात और त्रिपुरा की सरकार ने भी अपने यहां कीमत कम करने का ऐलान कर दिया।
वहीं, दूसरी तरफ सरकार के इस फैसले पर आम आदमी पार्टी ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। आप नेता संजय सिंह ने ट्वीट किया, माननीय वित्त मंत्री ने डीजल-पेट्रोल के दाम में ढ़ाई रुपये की कटौती कर दी, अच्छी बात है, मान्यवार क्या कल से प्रतिदिन 10 पैसा, 25 पैसा, 45 पैसा, 50 पैसा तेल का दाम बढ़ना बंद हो जायेगा? चार दिन की चांदनी, फिर अंधेरी रात है। सवाल सरकार की मंशा पर इसलिए भी उठाए जा रहे हैं कि जब पहले सरकार से तेल की कीमतें कम करने के लिए कहा गया था, तब सरकार ने कहा कि कीमतों को कम करना उनके हाथ में नहीं है।
केंद्र सरकार की ओर से तेल के दाम कम करने का एलान होते ही भाजपा शासित राज्यों में भी तेल की कीमतें कम करने का एलान शुरू हो गया। तेलांगना ने ढाई रुपये कम करने का एलान कर दिया। कुछ दूसरे राज्य भी जल्द तेल की कीमतें कम करने का एलान कर सकते हैं। अब देखना यह होगा कि, केंद्र सरकार के इस फैसले का अनुसरण कितने राज्य करते हैं। यह भी देखना होगा कि, कांग्रेस शासित राज्य भी दाम करते हैं या नहीं।