देहरादून: मंगलवार को मसूरी मार्ग पर ट्रायल रन के लिए इलेक्ट्रिक बस को रवाना किया गया। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने सीएम आवास से इस बस को हरी झंडी दिखाई। परिवहन सुविधाओं में बढ़ोत्तरी के लिए और पर्यटन की दृष्टि से एवं पर्यावरण के अनुकूल होने के चलते प्रदेश में इलेक्ट्रिक रोडवेज बसों के संचालन को मंजूरी दी गई है। इस ट्रायल के दौरान बस निर्माता कंपनी के अधिकारी भी हैदराबाद से देहरादून पहुंचे।
इसके पहले चरण में दून से मसूरी और हल्द्वानी से नैनीताल मार्ग पर 25-25 बसें संचालित करने को कहा गया है। इसके तहत रोडवेज ने बस कंपनियों से प्रस्ताव मांगे थे, जिसके बाद हैदराबाद की एक कंपनी ने करीब एक करोड़ की कीमत की एक बस ट्रायल करने के लिए दून भेजी है। पर्वतीय मार्गों को देखते हुए यह बस 166 व्हीलबेस की है।
यह इलेक्ट्रिक बस अत्याधुनिक सुविधाओं व सुरक्षा उपकरणों से लैस है। महिलाओं की सुरक्षा के लिए बस में हर सीट पर पैनिक बटन भी लगा है। साथ ही सीसी कैमरे व जीपीएस भी लगे हुए हैं।
वहीँ हैलो उत्तराखंड न्यूज़ को जानकारी देते हुए जीएम संचालन दीपक जैन ने बताया कि, अभी जो बसें इस रूट पर चलाई जा रही हैं, उनका प्रतिदिन तीन चक्कर का खर्चा लगभग ढाई लाख रूपये है। जबकि, इसका आउटपुट 2.75लाख से 2.80 लाख तक है। अभी तक की बसों पर करीब 48 रूपये प्रति किमी का खर्चा है।
ओलेक्ट्रा ग्रीन टेक कंपनी की इस बस पर प्रतिदिन करीब सवा लाख का खर्चा होने की संभावना है। जबकि, इसका आउटपुट भी बेहतर है। इसके आलावा कंपनी के मुताबिक 28 रूपये प्रति किमी इसका खर्चा है, यदि इसमें चालक-परिचालक का वेतन भी शामिल किया जाए तो यह 48 रूपये प्रति किमी तक पहुंचता है। रोडवेज द्वारा ये बसें 5 साल के लिए लीज पर ली गई हैं। हैदराबाद की इस कंपनी की बस फिलहाल हिमाचल और तेलंगाना में चल रही हैं।