देहरादून: एनजीटी ने उत्तराखंड के पूर्व पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) बीएस सिद्धू पर भारी भरकम जुर्माना लगाया है। जस्टिस आरएस राठौर की अध्यक्षता वाली पीठ ने यह फैसला सुनाया है।
दरअसल, बीएस सिद्धू को अवैध तरीके से देहरादून के वीरगिरवाली गांव में आरक्षित वन भूमि खरीदने और शाल के 25 वृक्षों को काटने का दोषी पाया गया है। इसके लिए सिद्धू पर 46 लाख 14 हजार 960 रुपये का जुर्माना लगाया गया है। साथ ही जुर्माने की यह राशि उन्हें एक महीने के भीतर जिला वन अधिकारी के पास जमा करवानी होगी। फैसले के अनुसार, जुर्माने की इस राशि का इस्तेमाल पेड़-पौधे की कमी वाले क्षेत्र में देशी प्रजाति के पौधे लगाकर पर्यावरण की बेहतरी के लिए किया जाएगा।
बता दें 9 मार्च 2013 को मसूरी वन विभाग को संबंधित क्षेत्र में शाल के चार पेड़ और 18 मार्च 2013 को 21 पेड़ों को अवैध तरीके से काटे जाने की सूचना मिली थी। जांच में पाया गया कि यह जमीन बीएस सिद्धू ने खरीदी है। इसी दौरान सिद्धू को डीजीपी बना दिया गया था।
इससे पहले एनजीटी में 18 मई 2017 को सिद्धू स्वीकार कर चुके कि वे जंगल की जमीन खरीदने के लिए दो लोगों से मिले थे, जिन्होंने नत्थूराम के नाम पर इन्हें जमीन बेचने का प्रस्ताव रखा था। इसके बाद इन्होंने वह आरक्षित वन भूमि खुद ही नियमों का उल्लंघन कर खरीद ली। इसके अलावा 3 सितंबर, 2015 को भी सिद्धू ने यह बयान दर्ज कराया कि उन्हें जंगल में रहने और घर बनाने की प्रबल इच्छा थी इसलिए उन्होंने यह काम किया।